दिलेर समाचार, नई दिल्ली: पद्मावती फिल्म को लेकर जारी विवाद के बीच निर्देशक संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी संसदीय पैनल के सामने पेश हुए. सूत्रों के मुताबिक, संसदीय पैनल के तीन सदस्यों ने फिल्म को बैन करने की बात कही है.
संसदीय कमेटी के समक्ष प्रसून जोशी ने कहा कि अभी फिल्म पर फैसला लेने की प्रक्रिया चल रही है. जिन तीन सदस्यों ने फिल्म को बैन करने की बात कही उनमें दो बीजेपी के (ओम बिडला और सीपी जोशी) हैं और एक शिवसेना के राजन विचारे हैं. जोशी ने कहा कि पहले क्षेत्रीय कमेटी फिल्म को देखती है और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय समिति फिल्म को देखेगी. फिल्म का विरोध करने वाले सदस्यों ने प्रोमो को भी वापस लेने की मांग की.
प्रसून जोशी ने कमेटी के आगे कहा कि केवल प्रोमो को अनुमति मिली है, फिल्म को सेंसर बोर्ड ने पास नहीं किया है. प्रसून जोशी ने कहा कि उन्होंने अभी फिल्म नहीं देखी है. कुछ सदस्यों ने फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का सवाल उठाया है.
इस मामले मेंं सुुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की ओर से फिल्म पर की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी टिप्पणियां पहले से ही फैसला करने वाली लगती हैं
जबकि सेंसर बोर्ड ने अब तक फिल्म को प्रमाणित नहीं किया है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के समक्ष विचार के लिए कोई मामला लंबित है तो सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग यह टिप्पणी कैसे कर सकते हैं कि सीबीएफसी को प्रमाण-पत्र जारी करना चाहिए कि नहीं. इससे सीबीएफसी का फैसला पूर्वाग्रह से प्रभावित होगा. पीठ ने सीबीएफसी से कहा कि वह ‘‘पूरी वस्तुनिष्ठता’’ के साथ फैसले के प्रमाणीकरण पर फैसला करे
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