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April 30 2024 11:10 PM

राज्य मिलकर भी खर्च नहीं कर पाए कोविड इमरजेंसी फंड

Posted at: Jan 3 , 2022 by Dilersamachar 9269

दिलेर समाचार, नई दिल्ली. भारत (India) में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामलों में इजाफा दर्ज किया जा रहा है. इसी बीच रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने रविवार को देश में कोविड की स्थित और टीकाकरण अभियान की समीक्षा की. उन्होंने जानकारी दी कि सभी राज्यों ने मिलकर 23 हजार 123 करोड़ रुपये के इमरजेंसी कोविड-19 रिस्पॉन्स पैकेज 2 (ECRP-II) में से केवल 17 फीसदी से ज्यादा की ही इस्तेमाल किया है. केंद्र सरकार ने मेडिकल व्यवस्थाओं को बेहतर करने के लिए बीते साल अगस्त में पैकेज को मंजूरी दी थी.

वर्चुअली आयोजित हुई इस बैठक में राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. मंत्रालय के अनुसार, मंडाविया ने कहा, ‘विश्व स्तर पर, देश अपने पहले के शीर्ष मामलों की तुलना में कोविड-19 मामलों में 3 से 4 गुना वृद्धि का अनुभव कर रहे हैं. विश्व स्तर पर, देश अपने पहले के शीर्ष मामलों की तुलना में कोविड-19 मामलों में 3 से 4 गुना वृद्धि का अनुभव कर रहे हैं. ओमिक्रॉन वेरिएंट के अत्यधिक तेजी से फैलने के कारण, कोविड मामलों में तेज वृद्धि चिकित्सा प्रणाली को प्रभावित कर सकती है. इसलिए उन्होंने राज्यों को तेज वृद्धि को प्रबंधित करने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार करने में कोई कसर नहीं छोड़ने की सलाह दी, जिससे कि भारत कोविड-19 के इस प्रकोप से सुरक्षित रह सके.’

मंत्रालय ने बताया, ‘राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड, पीडियाट्रिक आईसीयू/एचडीयू बेड आदि के मामले में ईसीआरपी-II के तहत व्यावहारिक प्रगति में तेजी लाने के लिए प्रेरित किया गया. राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से मानव संसाधनों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, एम्बुलेंस की समय पर उपलब्धता, संस्थागत रूप से क्वारंटिन करने के लिए कोविड सुविधाओं को प्रचालित करने के लिए राज्यों की तैयारी और होम आइसोलेशन में रहने वालों के लिए प्रभावी और निगरानीपूर्ण निरीक्षण सहित टेली-मेडिसिन और दूरस्थ परामर्श के लिए आईटी टूल्स का प्रभावी उपयोग करने का भी आग्रह किया गया.’

बीते साल अगस्त में सरकार ने 23 हजार 123 करोड़ रुपये के ECRP-II को मंजूरी दी थी. योजना के अनुसार, दूसरी लहर के दौरान हुए अनुभव के बाद राज्यों की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने 23 हजार 56 ICU बिस्तर मंजूर किए थे. इस योजना के तहत 7 राज्यों में एक हजार से ज्यादा बेड तैयार किए जाने थे. इनमें उत्तर प्रदेश (4007), कर्नाटक (3021), महाराष्ट्र (2970), पश्चिम बंगाल (1874), तमिलनाडु (1583), मध्य प्रदेश (1138) और आंध्र प्रदेश (1120) का नाम शामिल है.

15 दिसंबर को मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने को लेकर हुई बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जानकारी दी थी कि 1374 अस्पतालों में 958 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक्स और मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम लगाने के लिए ECRP-II के तहत फंड जारी कर दिए गए हैं. साथ ही योजना के तहत 14 हजार ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स भी उपलब्ध कराए गए थे.

स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मंडाविया ने, ‘राज्यों से जमीनी स्तर पर काम करने और निगरानी और नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने के लिए अपनी टीमों को फिर से सक्रिय करने का आग्रह किया. इसके बाद अस्पताल के बुनियादी ढांचे में सुधार; जांच में तेजी; संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए कड़े प्रतिबंधात्मक उपाय और आम लोगों के बीच कोविड उपयुक्त व्यवहार पर जोर सहित कोविड प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक और विस्तृत चर्चा हुई. चिकित्सा अवसंरचना में बड़ी बाधाओं पर भी चर्चा की गई.’

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