Logo
April 29 2024 08:34 PM

2019 के लोकसभा चुनाव में ये 7 मुद्दे पीएम मोदी को कर सकते हैं परेशान

Posted at: Feb 23 , 2018 by Dilersamachar 9620

दिलेर समाचार, नई दिल्ली: साल 2018 मोदी सरकार और विपक्षी दलों के लिए निर्णायक है. इन्हीं 10-12 महीनों में सभी राजनीतिक दल को खुद को तैयार करने की पूरी कोशिश करेंगे. बात करें पीएम मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तो इस बार लड़ाई दोनों के बीच एक तरफा नहीं होने वाली है. ऐसा हम गुजरात विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं. राहुल गांधी के हमले पहले से बहुत ज्यादा तीखे हो गए हैं और पीएम मोदी के सामने चुनौती ये है कि बीजेपी की ज्यादातर राज्यों में सरकारें और वहां भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ प्रमुख रूप से हैं. इन राज्यों को मिला दें तो 65 सीटें होती हैं. इनमें से 62 सीटें बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती थीं. लेकिन इस बार इन्हीं राज्यों से बीजेपी को चुनौती मिलने वाली है.

सत्ता विरोधी लहर
इस साल त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में चुनाव होने हैं. गुजरात विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि इस बार गांव में अपनी पैठ बनाई जाए. कर्नाटक में बीजेपी कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते दिखाई दे रही है.  मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान​ में बीजेपी की सरकार है और वहां बीजेपी के लिए अच्छे संकेत  नहीं आ रहे हैं. 

सहयोगी दल कर सकते हैं परेशान
लोकसभा चुनाव 2014 में तो बीजेपी को बहुमत मिला था और पार्टी ने 282 सीटें जीती थीं. इनमें से 193 सीटें ऐसी थी जहां पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई हुई थी. लेकिन इस बार ये लड़ाई ऐसे ही हुई तो देखने वाली बात होगी कि बीजेपी और कांग्रेस कितनी सीटें जीतती हैं. इस बात की उम्मीद कम ही है कि बीजेपी 2014 वाला प्रदर्शन दोहरा पाएगी. लेकिन कांग्रेस के लिए भी इतनी आसान लड़ाई नहीं होगी. बीजेपी के सामने दिक्कत है कि इस बार उसके सहयोगी दल अभी से ताल ठोंक रहे हैं. महाराष्ट्र में शिवसेना तो बार-बार अलग होने का ऐलान कर रही है. वहीं आंध्र प्रदेश में तेलुगू देसम भी अपनी ही केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं. बिहार में भी भले ही बीजेपी ने जेडीयू को अपने पाले में मिलाकर सरकार बना ली हो लेकिन उसके सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी बीच-बीच में नाराजगी जताते रहते हैं. 

बेरोजगारी का मुद्दा 
विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार से नौकरियों के मुद्दे पर जवाब मांग रहे हैं. पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई बड़े ऐलान किए थे लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी जमीनी हकीकत से दावे मेल नहीं खा रहे हैं. इस मुद्दे को इस बार विपक्षी दल जरूर हथियार बना सकते हैं. 

आर्थिक मंदी
बेरोजगारी से ही जुड़ा हुआ मुद्दा है आर्थिक मंदी. सरकार नोटबंदी के बाद से यह नहीं बता पा रही है कि इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को क्या फायदा हुआ. बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा भी इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. सरकारी आंकड़ों में भी कहते हैं भारत की अर्थव्यवस्था इस समय मंदी में है.

किसान परेशान 
बजट में भले ही ग्रामीण अर्थव्यस्था और किसानों के लिए बड़़े ऐलान किए गए हैं लेकिन यह इस साल पूरी तरह से लागू हो जाएंगे कह पाना मुश्किल है. किसानों को लेकर सरकार की ओर से बीते चार सालों में साफ नीति नहीं है. फसल बीमा योजना का लाभ कितने किसानों को समय पर मिला इसका भी कोई ठोस जवाब नहीं है. सरकार की ओर से मिलने वाली यूरिया भी आसानी से उपलब्ध नहीं है. फसलों के आलू किसानों ने हाल ही में अपनी फसल उत्तर प्रदेश विधानसभा के सामने फेंकी है. 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने किसानों के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन के वादे किए थे. लेकिन अभी उसमें बहुत काम होना बाकी है.

स्थानीय मुद्दों का सामना
2014 के लोकसभा चुनाव में 'मोदी लहर' के सामने कई समीकरण धवस्त हो गए थे. जिनमें क्षेत्रीय पार्टियों का प्रदर्शन था. लेकिन बीते चार सालों में बहुत कुछ बदला सा नजर आ रहा है. गुजरात में हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर जैसे नेता उभरे हैं तो महाराष्ट्र में भी दलितों का आंदोलन हाल ही में हो चुका है. राजस्थान के उपचुनाव में भी 'पद्मावत' का मुद्दा स्थानीय लोगों की भावनाओं से जुड़ा था. 
पाकिस्तान को जवाब
यूपीए के शासनकाल में बीजेपी नेताओं ने पाकिस्तान के साथ संबंधों पर सरकार की बहुत खिंचाई की थी. एक सिर के बदले 10 सिर बदले लाने की बात हुई थी लेकिन नई सरकार आने के बाद भी स्थितियां वैसे ही बनी रही हैं. जवानों के शहीद होने की खबरें रोज आ रही हैं. इस मुद्दे पर मोदी सरकार सर्जिकल स्ट्राइक का हवाला जरूर दे सकती है लेकिन उसके बाद भी आतंकी हमले लगातार जारी हैं.

ये भी पढ़े: NHPC Recruitment 2018: 41 पदों पर निकली भर्तियों के लिए आवेदन करने का आखिरी मौका

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED