दिलेर समाचार,अब भारतीय नेवी को जल्द ही उसका पहला स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन मिल सकती है.एक तरफ जहां चीन लगातार भारतीय उपमहाद्वीप में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है, उसके जवाब में भारत भी खुद को मजबूत कर रहा है. इसका नाम कालवेरी है जो कि टाइगर शॉर्क ने नाम पर रखा गया है. भारत को यह सबमरीन सितंबर के अंत तक मिल जाएगी. वहीं इसकी कड़ी में ही दूसरी सबमरीन (खंडेरी) अगले साल तक भारत को मिलेगी.
आपको बता दें कि भारत फ्रेंच तकनीक से लगभग 6 स्कॉर्पियन क्लास की सबमरीन बना रहा है, इन्हें प्रोजेक्ट 75 के तहत बनाया जा रहा है. यह प्रोजेक्ट 2005 में शुरू हुआ था, जिसके तहत 2012 तक पहली सबमरीन भारत को मिलनी थी. लेकिन इसमें देरी हो गई थी. भारत का लक्ष्य है कि वह 2030 तक नई तकनीक की करीब 24 सबमरीन को तैयार करे.ऐसे समय में जब चीन हिंद महासागर में अपनी नौवहन गतिविधियों को बढ़ा रहा है तो इन पनडुब्बियों के आने से भारत की नौसैन्य शक्ति के बढ़ने की उम्मीद है
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