दिलेर समाचार,आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इसके बावजूद भी एक बार माता सीता ने लक्ष्मण को निगल लिया था। जी हां ये सच है। आइए जानते है कि माता सीता को खत्म करना पड़ा था लक्ष्मण का अस्तित्व.....
माता सीता ने लिया था ये वचन
कहा जाता है कि जब माता सीता और राम जी बनवास के लिए जा रहे थे, तब सीता ने एक वचन दिया था कि यदि वो और उनके पति सकुशल वनवास से लौट आते हैं तो वो सरयू नदीं के किनारे पूजा करने अवश्य जाएंगी।
वनवास से लौटने के बाद माता सीता लक्ष्मण के साथ सरयू नदी जा रही थी। उनको देख राम भक्त हनुमान भी उनके पीछे चुपचाप चल दिए।
नदी किनारे पहुंचने के बाद माता सीता ने लक्ष्मण से पूजा करने के लिए कलश में जल लाने के लिए कहा जबकि ये नजारा पेड़ के पीछे छिपे हनुमान देख रहे थे।
जैसे ही लक्ष्मण ने सरयू नदी के किनारे कलश भरना शुरु किया कि तभी अघासुर नाम का एक राक्षस वहां प्रकट हुआ और लक्ष्मण को निगलने चाहा।
इससे पहले की वो लक्ष्मण को निगलता माता सीता ने लक्ष्मण के बचाव के लिए उनको पहले ही निगल लिया।
जैसे माता सीता ने लक्ष्मण को निगला तो उन दोनो का शरीर मिलकर एक तत्व में बदल गया।
इस नजारे को देख रहे हनुमान आए और उस तत्व को उसी कलश में भरकर भगवान राम के पास ले गए और सारा मामला बताया।
और उनको पुन: जीवित करने का हल पूछा।
हनुमान ने जब सारी घटना भगवान राम को सुनाई तो वो मुस्कुराए और कहा कि ये अघासुर है और इसे भगवान शिव का वरदान है कि इसे कोई नहीं मार सके।
चिंतिंत हनुमान ने उसका हल पूंछा तो राम ने कहा माता सीता और लक्ष्मण के शरीर से जो तत्व बना है उसको उसी सरयू नदी में गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित करके बहा दो क्यूंकि उसका नाश किसी शस्त्र से नहीं होगा।
भगवान राम के द्वारा बताए हुए तरीके से हनुमान ने उस कलश को सरयू नदीं में जाकर जैसे ही बहाया तो पूरी सरयू नदी मे आग की लपटें उठने लगी।
उस आग से जलकर अघासुर मर गया। तब से ये कहा जाता है कि लक्ष्मण को बचाने के लिए माता सीता ने उनको निगल लिया था।
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