दिलेर समाचार, जयपुर। राजस्थान के उप चुनाव में हार के बाद भाजपा विधायकों और कार्यकर्ताओं में बढ़ते असंतोष को देखते हुए वसुंधरा राजे सरकार ने भाजपा सांसदों, विधायकों और जिला अध्यक्षों की सिफारिश पर तबादले करने का निर्णय लिया है।
इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से सभी भाजपा सांसदों, विधायकों और जिला अध्यक्षों को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें उनसे विभिन्न विभागों में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के बाबत सूची मांगी गई है। इसके साथ ही संघ के प्रदेश नेतृत्व से भी तबादलों को लेकर सुझाव देने का आग्रह किया गया है।
हाल ही में अजमेर व अलवर संसदीय और मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए हुए उप चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई थी। जिसके बाद विधायकों और कार्यकर्ताओं ने सत्ता व संगठन नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खुलेआम हो रहे विरोध के चलते मुख्यमंत्री की परेशानी काफी बढ़ गई है।
विधायकों और भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी का मुख्य कारण उनकी सरकार में सुनवाई न होना बताया जा रहा है। नाराज नेताओं ने केंद्रीय नेतृत्व तक से साफ कहा कि उनकी सिफारिशों से न तो विकास कार्य होते हैं और न ही तबादलों में उनकी सलाह मानी जाती है। सब कुछ अधिकारियों के स्तर पर हो रहा है। करीब नौ माह बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा नेतृत्व ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को पार्टी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने के निर्देश दिए।
इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में जन अभाव अभियान निराकरण का काम देख रहे वसुंधरा राजे के निकटस्थ श्रीकृष्ण पाटीदार ने सभी सांसदों, विधायकों और भाजपा के जिला अध्यक्षों को पत्र लिखकर जनता से जुड़े चिकित्सा,शिक्षा, जलदाय, कृषि और सहकारिता जैसे महकमों में तबादलों के लिए कर्मचारियों की सूची भेजने को कहा है।
जिला अध्यक्षों से कार्यकर्ताओं की सलाह को शामिल करते हुए तबादलों की सूची बनाने के लिए कहा गया है। लंबे समय से वसुंधरा राजे सरकार के कामकाज के तरीकों से नाराज चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रदेश नेतृत्व से भी तबादलों को लेकर सुझाव मांगे हैं।
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