दिलेर समाचार, यदि आप अकेले पिकनिक पर जा रहे हैं तो सूची बनायें कि कहां जाना है, कितने समय के लिए और कैसे जाना है।
यदि आप कुछ मित्रों या मित्रा परिवार के साथ जा रहे हैं तो कितने लोग हैं, इस बात की रूपरेखा मिल कर तैयार कर लें।
पिकनिक पर जाने से पहले ही तय कर लें कि क्या क्या खाना बनाकर ले जाना है, बाजार से क्या रेडिमेड सामान लेना है आदि। गु्रप में हैं तो खाने-पीने की जिम्मेदारी सभी परिवारों को उनकी सामर्थ्य के अनुसार बांट दंे।
गर्म वस्तुओं को अलग पैक करें। कोल्ड ड्रिंक व पेयजल अलग रखें। फल और पैकेट बंद सामान अलग रख कर ले जायें।
पिकनिक स्थल पर काम आने वाली दरियां, चादरें, गेम्स का सामान, खाने पीने का सामान, टेपरिकार्डर, टार्च और माचिस अवश्य साथ ले लें।
पिकनिक पर जाते समय गारबेज बैग रखना न भूलें ताकि बचा हुआ खाना, छिलके आदि उसमें डाल सकें।
बच्चों को पिकनिक पर जाने से पहले हिदायत दे दें कि वे कहीं आपसे दूर अलग होकर न जायें।
बच्चों को ऐसे स्थानों पर अपने साथ रखें। अपने गु्रप के बच्चे मिलकर पास ही खेलें जिस से आप उन पर आसानी से नज़र रख सकें।
पिकनिक स्थल की खास विशेषताएं बच्चों को बताएं। यदि बोटिंग की व्यवस्था हो तो उसका आनन्द उठाना न भूलें
यदि आपके पास कैमरा है तो उन हसीन क्षणों को कैमरे में कैद करना न भूलें। गु्रप में हैं तो सारे गु्रप को ध्यान में रखते हुए चित्रा लें।
आप मौज मस्ती के लिए घर से निकले हैं तो ऐसे में पारिवारिक तनाव घर पर ही छोड़ कर चलें। न स्वयं अपना मज़ा किरकिरा करें, न दूसरों के बीच निंदा स्तुति कर सबका मज़ा खराब करें।
पिकनिक हमें नई ऊर्जा प्रदान करती है। इसे पूरी तरह एंज्वाय करना न भूलें। (उर्वशी)
घर झोंपड़ी का हो या आलीशान मकान, हर परिवार के लिए उसका घर सबसे प्रिय होता है। बढ़ती महंगाई, शहरों की ओर पलायन और वहां जगह की कमी, मकानों की अनुपलब्धि आदि विपरीत परिस्थितियों में आदमी ऐसे घर की कल्पना करता है जो उसकी सीमित आय के दायरे में प्रभावशाली व समर्थ होने के साथ-साथ सुन्दर और मौलिक भी हो।
बने-बनाये फ्लैटों के भद्दे रूप में मूलभूत परिवर्तन करके उसे सुन्दर और प्रभावशाली बनाना मुश्किल नहीं है। यदि सूझबूझ के साथ काम किया जाए तो एक सीमित आय में भी एक आम परिवार अपने सुन्दर व्यवस्थित और सुविधापूर्ण और खुले घर की कल्पना को साकार बना सकता है।
घर की आंतरिक साज-सज्जा को सुनियोजित ढंग से करके घर की संकुचित जगह को कुछ हद तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि फर्नीचर की व्यवस्था और सामान रखने का स्थान पूर्व निश्चित किया जाए। घर की दीवारों का उपयोग करके भी घर की आंतरिक जगह को बढ़ाया जा सकता है। दीवारों पर शेल्फ लगाकर फर्श की जगह बचाई जा सकती है। ऐसा करके सामान सुरक्षित और सुव्यवस्थित ढंग से रखा जा सकता है। फर्नीचर, दीवारों, खिड़की और दरवाजे आदि को ध्यान में रखते हुए शेल्फ का डिजाइन किया जाना चाहिए। वाशिंग मशीन व फ्रिज के लिए उपयुक्त स्थान होना चाहिए।
जगह की कमी के कारण छोटे-छोटे फ्लैटों में ड्राइंग रूप में डाइनिंग रूम एक ही होते हैं। डाइनिंग टेबल अधिक जगह घेरता है। ड्राइंग रूम और किचन के बीच की दीवार या दरवाजे को हटाकर वहां डाइनिंग टेबल लगाकर काफी जगह को बचाया जा सकता है। खुली रसोई से घर की निगरानी रखी जा सकती है। पुल आउट बेड, डबल डेकर बेड और फोल्डिंग टेबल को इस्तेमाल करके
फर्श की जगह को बचाया जा सकता
है।
घर के प्रत्येक हिस्से में भरपूर हवा और रोशनी होनी चाहिए। पंखे, लाइट, कूलर, एग्जास्ट फैन और लाइट पाइन्ट को सुनियोजित ढंग से लगवाना चाहिए।
दीवारों और फर्श को रंग-रोगन द्वारा आकर्षक और सुन्दर बनाया जा सकता है। ऐसे रंगों का चुनाव करना चाहिए जो आंखों को शीतलता और सौम्यता प्रदान करें। हल्के और प्लेन रंगों से कमरा खुला-खुला प्रतीत होता है। आजकल फर्श और दीवारों के लिए कई प्रकार के रंग-रोगन, टाइल्स, वालपेपर, पत्थर, मैट्स, कारपेट्स, लिनोलियम, विनायल फेब्रिक्स, दरी, जूट आदि उपलब्ध हैं। इनका सही चुनाव करके इस्तेमाल करना चाहिए। प्राकृतिक पत्थरों का इस्तेमाल करके दीवार और फर्श को मोहक व सुन्दर रूप दिया जा सकता है। संगमरमर पत्थर रोशनीयुक्त व सुन्दरता का आभास देता है। डुंगरी संगमरमर काफी सस्ता और देखने में सुन्दर लगता है।
हरियाली से भी वातावरण मनमोहक होता है इसलिए पेड़-पौधे लगाकर निर्जीव और ठोस पदार्थों में जान डाली जा सकती है। इससे रूखा-सूखा वातावरण भी आकर्षक व मोहक बन जाता है। हैंंिगंग बास्केट तथा पेड़-पौधों से घर के वातावरण में जान डाली जा सकती है। उपरोक्त उपायों को अमल में लाकर छोटे से घर को भी प्रभावशाली और सुन्दर रूप दिया जा सकता है।
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