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चीन बोला- 'नेशनल डे' पर ताइवान को अलग देश न माने भारत

Posted at: Oct 8 , 2020 by Dilersamachar 9587

दिलेर समाचार, बीजिंग/नई दिल्ली. चीन (China) लगातार न सिर्फ भारत के प्रति बल्कि हांगकांग (Hong Kong) और ताइवान (Taiwan) के लिए भी आक्रामक रुख अपनाए हुए है. इसी क्रम में चीन की सरकारी मीडिया ने भारत को ताइवान के नेशनल डे (Taiwan National Day) के दिन उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र की तरह पेश न करने की चेतावनी दे डाली. ताइवान का नेशनल डे 10 अक्टूबर को है और चीन चाहता है कि भारत उसके साथ स्वतंत्र देश कि तरह व्यवहार न करे. हालांकि ताइवान विदेश मंत्रालय ने एक ट्वीट के जरिए चीनी मीडिया और जिनपिंग सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया है.

ताइवान के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया- 'भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. इसका प्रेस वाइब्रेंट और लोग आजादी पसंद हैं. हालांकि, ऐसा लगता है कि कम्युनिस्ट चीन इस सब कॉन्टीनेंट पर भी सेंशरशिप थोपना चाहता है. ताइवान के भारतीय दोस्तों का एक ही जवाब होगा- भाड़ में जाओ.' बता दें कि भले ही चीनी सरकार लगातार शांति की बातें करती हो लेकिन चीन की स्टेट मीडिया के जरिए वह धमकी देना और डराने का काम हमेशा से ही करती आई है. भारत से सीमा विवाद के मामले में भी जिनपिंग सरकार लगातर शांति की बातें करती है जबकि सरकारी मीडिया धमकी देना और युद्ध करने की बातें करती रही है.

क्या है चीन की चिट्ठी में?

दिल्ली स्थिति चीन के मिशन ने भारतीय मीडिया को एक चिट्ठी भेजी है जिसमें लिखा है- हमारे मीडिया के दोस्त, आपको याद दिलाना चाहेंगे कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है. सिर्फ पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन की सरकार ही पूरी दुनिया में चीन का प्रतिनिधित्व करती है. ताइवान को स्वतंत्र देश के तौर पर पेश नहीं किया जाए. इसकी राष्ट्रपति साई इंग-वेन को भी राष्ट्रपति न बताया जाए. इससे आम लोगों में गलत संदेश जाएगा.

इस चिट्‌ठी में आगे लिखा है- ताइवान चीन का अभिन्न हिस्सा है. चीन के साथ डिप्लोमेटिक संबंध रखने वाले देशों को इसकी ‘वन चीन’ पॉलिसी का पूरी तरह से सम्मान करना चाहिए. इस मामले में भारत सरकार का भी लंबे समय से यही मानना रहा है. इंडियन मीडिया भी भारत सरकार की तरह वन चीन पॉलिसी को मान सकती है. मीडिया भी चीन की इस पॉलिसी का उल्लंघन न करे.

चीन को ताइवान के विद्रोह का डर!

बता दें कि भारत-चीन सीमा पर तनाव के बाद से ही भारत सरकार ने भी एक्टिव होकर हांगकंग और ताइवान में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों को अंतरराष्ट्र्रीय मंचों से उठाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में ताइवान के नेशनल डे का कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों ने कवरेज करने का ऐलान किया है. कुछ भारतीय न्यूज चैनलों पर इससे जुड़े कार्यक्रम प्रसारित किए जाने वाले हैं. इसी से चीन बौखला गया है और लगातार हाथ-पांव मार रहा है.

 

साई के राष्ट्रपति बनने के बाद विवाद बढ़ा

साई के राष्ट्रपति बनने के बाद से चीन और ताइवान में विवाद बढ़ा है. साई ने पहले कार्यकाल के समय ही वन चाइना पॉलिसी को मानने से मना कर दिया था. इसके बाद चीन ने ताइवान से सभी प्रकार के संबंध तोड़ लिए थे. चीन के विरोध के कारण ही चीन वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का हिस्सा नहीं बन पाया था. गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को ताइवान में वुचांग शासन की शुरुआत माना जाता है. इसी दिन यहां पर चीन के किंग साम्राज्य का अंत हुआ था और रिपब्लिक ऑफ चीन की स्थापना हुई थी. मौजूदा समय में चीन और ताइवान के बीच तनाव है. इसके बावजूद चीन ने नेशनल डे मनाने का ऐलान किया है.

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