दिलेर समाचार, बीजिंग। चीन के एक विशेषज्ञ का मानना है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के दूसरे कार्यकाल में उनका देश भारत के साथ डोकलाम और दक्षिण चीन सागर जैसे मुद्दों को सुलझा लेगा।
अपने वैध हितों की रक्षा के लिए देश इनका सामना करेगा। चीन के समकालिक अंतरराष्ट्रीय संबंध संस्थान के उपाध्यक्ष युआन पेंग ने बुधवार को कहा, 'पूर्व में हम सोचते थे कि हम विवाद को टाल देंगे।
अब हमें चौतरफा विवादों का सामना करना होगा।' पेंग चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हाल ही में संपन्न पांच दिवसीय कांग्रेस के परिणाम पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। पांचवीं कांग्रेस में पांच वर्षों के लिए शी को पार्टी के प्रमुख के रूप में मंजूरी दी गई है।
युआन ने कहा कि शी के नेतृत्व में चीन डोकलाम जैसे मुद्दे को निपटा सकता है। भारतीय सीमा पर चीन की सेना सड़क बनाने जा रही थी जिससे विवाद पैदा हुआ। इस क्षेत्र पर भूटान का दावा है।
72 दिनों तक जारी रहने के बाद 28 अगस्त को विवाद समाप्त हुआ। चीन ने सड़क निर्माण रोक दिया। विवाद थमने के बाद दोनों पक्षों ने अपनी सेना वापस बुला ली।
इसे भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जाता है। हिंद-प्रशांत साबित होगा जाल युआन ने यह भी कहा कि अमेरिका ने हिंद-प्रशांत घोषित किया है। इस चतुर्भुज तंत्र में भारत, आस्ट्रेलिया और जापान भी शामिल हैं।
अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान भारत को आगे कर रहे हैं। आगे चलकर यह एक प्रकार का जाल साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह बुद्धिमानी नहीं है क्योंकि यह अमेरिका और चीन के साथ संतुलित रिश्ते निभाता है।
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