दिलेर समाचार।(नीरज शर्मा)। कौन था हरदीप सिंह निज्जर?जिसे कनाडाई प्रधानमंत्री अपने देश का नागरिक बता उसकी हत्या पर इतना हाय-हल्ला काट रहें है। हरदीप सिंह निज्जर खालिस्तान टास्क फोर्स का चीफ था।उसका जन्म 1977 में पंजाब के जालंधर जिले के गांव भार सिंहपुरा में हुआ था।वो अस्सी-नवें के दशक में पंजाब में उठी खालिस्तान लहर से बहुत प्रभावित था।भारत में कई वारदातों को अंजाम दे वो रवि शर्मा के नाम का नकली पासपोर्ट बनवा 1996 में कनाडा चला गया था।रवि शर्मा हरियाणा का रहने वाला नौजवान था जो हरियाणा से परिवार सहित इसके गांव के पास आ कर बस गया था।रवि शर्मा का शव निज्जर के गांव की नहर में से मिला था।रवि शर्मा का कत्ल हरदीप निज्जर ने ही किया था और उसी के कागजों व पहचान के आधार पे जाली पासपोर्ट बनवा कनाडा भाग गया।कनाडा पहुंचने के बाद उसने राजनीतिक शरण लेने के लिए एक शपथपत्र दिया जिसमें उसने बताया कि उसके भाई, पिता और चाचा सभी को गिरफ्तार कर भारत सरकार उन पर जुल्म कर रही है और उसे खुद भी पुलिस ने बहुत प्रताड़ित किया था।इसीलिए वो कनाडा भाग आया।लेकिन कनाडा सरकार ने उसके दावे को खारिज कर दिया था और वापिस जाने को कहा परन्तु उसने वहां से वापिस भारत आने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि भारत जाते ही उसे मार दिया जाएगा।कनाडा सरकार ने उसे कुछ हल निकलने तक पुलिस की देख रेख में एक राहत कैम्प में रखने का हुक्म दिया।फिर कनाडा में पहले से सक्रिय कुछ खालिस्तानी समर्थको से सम्पर्क कर कुछ दिन वहां रहने का जुगाड कर लिया।इस के उपरांत 1997 में निज्जर ने कनाडाई नागरिक एक महिला से मैरिज कर ली जो कि असल में कॉन्ट्रैक्ट मैरिज थी। इमिग्रेशन अधिकारीयों ने पाया की वो महिला 1997 में ही किसी अन्य पुरुष को कनाडा की पी.आर दिला उस से अलग हुई है।कुछ माह की शादी में कनाडा की पी.आर दिला अब नई शादी कर उसे भी कनाडाई नागरिकता दिलाना चाहती है।अधिकारियो को मसला समझते देर ना लगी।अधिकारियों ने निज्जर को नागरिकता देने से इंकार कर दिया।निज्जर ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील की लेकिन वो केस हार गया। हालांकि एक दशक बाद, निज्जर को 25 मई 2007 को कनाडाई नागरिकता कैसे और किस आधार पर मिली इसकी अभी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है।
हरदीप सिंह निज्जर पकिस्तान से ट्रेनिंग प्राप्त कर चुका एक दुर्दांत आतंकवादी था।जो 2012 में पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग के दौरान उस समय के दुर्दांत आतंकी जगतार सिंह तारा के संपर्क में आया।जगतार सिंह ने इसे हथियारों के साथ-साथ आई.ई.डी धमाको की ट्रेनिंग भी दी।हरदीप सिंह निज्जर आतंकवादी गुरदीप सिंह का भी सहयोगी था। जो पंजाब में 200 से ज्यादा हत्याओं में शामिल था।एन.आई.ए की चार्जशीट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि निज्जर खालिस्तान टास्क फोर्स का हाल फिलहाल मे चीफ था। निज्जर की आतंकी और गैरकानूनी गतिविधियों में मदद कनाडा में पनाह लिए हुए एक और आतंकी अर्शदीप उर्फ अर्श ढल्ला करता था।अर्शदीप और निज्जर मिलकर कनाडा से 'खौफ का कारोबार चलाते थे।भारत सरकार की तरफ से हाल ही में नोटिफिकेशन जारी किया गया था।जिसमें अर्शदीप और हरदीप सिंह निज्जर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया गया था।उस नोटिफिकेशन में बताया गया है कि अर्शदीप उर्फ अर्श ढल्ला व हरदीप निज्जर कनाडा में रह कर भारत के अलग अलग इलाको में टारगेट किलिंग, एक्सटॉर्शन, टेरर फंडिंग, हत्या,अलग-अलग समुदायों में नफरत और पंजाब के लोगों में दहशत फैलाने के साथ साथ ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग भी कर रहे हैं।एन.आई.ए की चार्जशीट में अहम खुलासा हुआ है कि ग्लोबल आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श ढल्ला टेररिस्ट ग्रुप बना भारतीय राज्य पंजाब के नौजवानों को बहला-फुसलाकर कनाडा में नौकरी दिलाने का सपना दिखा और कनाडा से अपने संपर्क का इस्तेमाल कर वीजा लगवा कनाडा बुलाते थे।यह खुलासा लवप्रीत सिंह उर्फ रवि, राम सिंह उर्फ सोना , गगनदीप सिंह उर्फ गग्गा और कमलजीत शर्मा उर्फ कमल से बातचीत कर एन.आई.ए ने किया।झांसे में आए नौजवानों को शूटर के तौर पर नियुक्त कर पंजाब में कांट्रेक्ट किलिंग या दहशत फैलाने का टास्क सौंपा जाता था।एनआईए ने अपनी चार्जशीट में खुलासा किया है कि अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श ढल्ला, हरदीप सिंह निज्जर के साथ मिलकर अपने गैंग के लोगों को टारगेट की डिटेल्स भेजते थे। उन्हें हथियार मुहैया कराए जाते थे और टेरर फैलाने के लिए फंड्स शूटर्स को हवाला या मनी ट्रांसफर सर्विस के जरिए मुहैया करवाए जाते थे। इसी तरह एक्सटॉर्शन मनी या काम करवाने वाली पार्टी से पैसा कनाडा में अर्शदीप के पास और अर्शदीप के द्वारा हरदीप निज्जर तक पहुंचाया जाता था।
खास बात यह है कि हरदीप निज्जर का नाम उस सूची में भी था, जो पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2018 में भारत आठ दिन के भारत दौरे पर आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को सौंपी थी।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जस्टिन ट्रूडो को जो सूची सौंपी थी उसमें हरदीप निज्जर के अलावा मलकीत सिंह, गुरजीत सिंह चीमा, गुरप्रीत सिंह पीत और गुरजिंदर सिंह पन्नू समेत आठ खालिस्तान समर्थकों के नाम थे। सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय द्वारा इस मामले में किए गए हस्तक्षेप के बाद भारत के दबाब में आ कनाडा सरकार ने निज्जर पर कारवाई करते हुए भारत में टारगेट किलिंग, शिंगार सिनेमा ब्लास्ट केस और अन्य मामलों में भारत के वांटेड दस लाख के इनामी खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप निज्जर को कनाडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।परन्तु यह तो मात्र दिखावा ही था।सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए इसे छोड दिया गया था।परन्तु कहते हैं भगवान के घर देर है अंधेर नहीं।आखिरकार अपने किए कर्मो का फल उसे 18 जून 2023 को कनाडाई शहर स्ररे के एक गुरूद्वारे के बाहर अज्ञात लोगों से बंदूक की गोलियों और मौत के रूप में मिला।कनाडा आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान की तरज पर जन्नत सा बनता जा रहा है।ऐसा लोंगो को पनाह दे कनाडा अपनी ही राहों में कांटे बीज रहा है।कल को जब यही आतंकवादी कनाडा सरकार के किसी फैंसले से नाराज हो अपनी फितरत दिखा निर्दोष कनाडा वासियों पर गोलियां बरसाते हुए सरकार पर अपनी बात मनवाने के लिए दबाब बनाने की कोशिश करेंगे तब कनाडा को अपने बीजे कांटो के दिए घावों से तडपना पडेगा तब उसे समझ आएगी कि जैसा बोओगे बैसा ही काटना पडेगा।
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