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ऐसा भी है रिवाज, शादी में तोड़े प्लेट और बने सौभाग्यशाली....

Posted at: Jul 6 , 2018 by Dilersamachar 9632

दिलेर समाचार, परमानन्द परम, विश्व के अलग-अलग देशों में शादी के अलग-अलग रिवाज हैं। जर्मनी में शादी से एक रात पहले जोड़े को चिढ़ाया जाता है और प्लेटों को तोड़ने के लिए दिया जाता है। दोनों में से जो भी सबसे अधिक प्लेट तोड़ देता है, उन्हें सौभाग्यशाली माना जाता है। वधू को चर्च ले जाने के लिए काले घोड़ों से खींची जाने वाली बग्घी का इस्तेमाल किया जाता है।

चीन में शादी के अवसर पर सजावट और उपहार को पैक करने के लिए लाल और सुनहरे रंग का प्रयोग होता है क्योंकि इन रंगों को खुशी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर आतिशबाजी में राकेट का प्रयोग होता है क्योंकि माना जाता है कि राकेट बुरी आत्माओं से बचाते हैं। विवाह समारोह के दौरान वधू तीन बार अपनी पोशाक बदलती है।

नीदरलैंड में विवाह के अवसर पर वर एवं वधू लिली का पौधा लगाते हैं। जब प्रत्येक साल उनमें फूल खिलते हैं तो माना जाता है कि प्यार में कोई कमी नहीं आयी है। रूस में विवाह के दौरान जमीन पर कप फेंके जाते हैं और उनका टूटना खुशियां लाने वाला माना जाता है। अधिकतर वर एवं वधू अपनी कार अथवा सवारी पर गुडि़या या टैडी बियर बांधते हैं। अगर वे अपनी पहली संतान बेटी चाहते हैं तो ’गुडि़या‘ तथा बेटा चाहते हैं तो ’टेडी बियर‘ बांधते हैं।

इंडोनेशिया के निवासी जावा के पवित्रा पर्वत पर एक तीर्थयात्रा करते हैं, जिसका उद्देश्य विवाह पूर्व सैक्स के माध्यम से सौभाग्य प्राप्त करना होता है। साल में सात बार ’पॉन‘ नाम की छुट्टी के अवसर पर जावा के पवित्रा स्थल की यात्रा करते हैं।

सौभाग्य की कामना में पूरी रात युवती अपने साथी के अतिरिक्त किसी दूसरे से सैक्स संबंध बनाने में बिताती है। वहां की मान्यता है कि जब साल में सात बार अनजान युवक या पुरूष से पवित्रा पर्वत पर जाकर सैक्स संबंध बनाया जाता है, तभी उनकी कामना पूरी होगी और अच्छे वर के साथ विवाह सम्पन्न होगा। इसे ’आध्यात्मिक सैक्स‘ का नाम दिया गया है।

अर्मेनिया में शादी के मौके पर दो फाख्ता पक्षियों को कैद से आजाद कर दिया जाता है। इन्हें प्यार और प्रसन्नता का प्रतीक माना जाता है। यहां वधू लाल रेशम की पोशाक एवं गत्ते के बने पंख पहनती हैं। यहां वधू के ऊपर सिक्के फेंकने की भी परम्परा है। फिजी में वर-वधू के पिता को व्हेल मछली का दांत उपहार स्वरूप देता है। व्हेल के दांत को पद और वैभव का प्रतीक माना जाता है।

फिनलैंड में वधू शादी के दिन सुनहरा मुकुट पहनती है। शादी की रस्म के बाद कुंवारी लड़कियां वधू के चारों ओर नाचती हैं। इस अवसर पर वधू की आंखों पर पट्टी बंधी होती है और माना जाता है कि वधू जिस लड़की के सिर पर अपना मुकुट रख देती है उसकी शादी भी जल्दी हो जाती है। नार्वे में विवाहित जोड़े के घर के दरवाजे के दोनों ओर ’फिर‘ के वृक्ष लगाये जाते हैं और वे दरवाजे पर तब तक लगे रहते हैं जब तक कि पहली संतान नहीं हो जाती।

एस्किमो जनजातियों के पुराने रिवाजों के अन्तर्गत जैसे ही किसी लड़की का जन्म होता था, एक व्यक्ति को उसे अपनी पत्नी के रूप में अपनाना होता था। वह व्यक्ति लड़की के पिता के पास शादी का प्रस्ताव लेकर पहुंच जाता है। अगर प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो दोनों के बीच यह बाध्यता रहती है कि जब लड़की विवाह योग्य हो जाएगी तो उसे दूल्हे को सौंप दिया जाएगा। अवयस्क लड़के की ओर से उसका पिता लड़के के पिता के पास शादी का प्रस्ताव लेकर पहुंचता है।

यूगोस्लाविया के ’परकमेर‘ इलाके की शादी बहुत ही रोमांचक होती हैं लड़की जब विवाह योग्य होती है तो उसे एक कमरे में बन्द कर दिया जाता है। उस इलाके के ऐसे युवक जो उस लड़की से शादी करना चाहते हैं, पहरे में बैठी लड़की के पास जाकर उससे बलात्कार करने का प्रयास करते हैं। जो युवक सभी बाधाओं को पार करके बलात्कार करने में सफल हो जाता है, उसी युवक से उसकी शादी करायी जाती है। शादी के बाद अपने पति के घर पर जाकर पांच दिन ससुर के साथ, पांच दिन पति के बड़े भाई के साथ, पांच दिन देवर के साथ, पांच दिन पति के मित्रा के साथ तथा पांच दिनों तक पति के अच्छे रिश्तेदार के साथ वधू को रात बितानी पड़ती है। इसके बाद वह छः माह तक किसी भी पुरूष के साथ नहीं सोती। इस छः माह के अन्दर अगर वधू गर्भवती हो जाती है, तो उसे सौभाग्यशाली माना जाता है और पति के साथ रहने की इजाजत दे दी जाती है।

छत्तीसगढ़ जिला के कोरबा जनजाति समुदाय के लोगों में यह रिवाज प्रचलित है कि वहां के युवक-युवती पहले बच्चा पैदा करते हैं, उसके बाद शादी के बन्धन में बंधते हैं। परम्परा के अनुसार इस समुदाय के लड़के वयस्क होने के बाद शादी के लिए लड़की की तलाश करने निकलते हैं। जब लड़की मिल जाती है तो लड़की के माता-पिता की सहमति से वहीं रहकर साथ जीना शुरू करते हैं। साथ-साथ रहने के दौरान जब लड़की किसी बच्चे को जन्म देती है, उस समय लड़के-लड़की की शादी की जाती है। कभी-कभी इस समाज में ऐसा भी होता है कि बच्चा जनने के बाद लड़का शादी से मना कर देता है और लड़की को दूसरे लड़के से शादी करनी पड़ती है।

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