दिलेर समाचार, दीपावली के 15 दिनों बाद कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवता बनारस गंगा के किनारे दीपावली मनाने आते है. लिहाज़ा सभी घाटों और कुंड की विधिवत सफ़ाई की जाती है. फिर दीयों से इनका श्रृंगार होता है जिसका नज़ारा अद्भुत होता है. गंगा तट पर इस अलौकिक छटा को देखने के लिये देश विदेश के एक लाख से भी ज़्यादा पर्यटकों ने बनारस में डेरा जमा लिया है.
देव दीपावली के उत्सव में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल सहित कई नामी हस्तियां शामिल हो रही हैं. से तो देव दीपावली की परम्परा काफ़ी पुरानी है, लेकिन बीते तीन दशकों में ये काफ़ी वृहद रूप धारण कर चुका है. क़रीब 35 साल पहले इसे एक आयोजन के रूप में पंचगंगा घाट से शुरू किया गया था.
देव दीपावली आज बनारस के सभी 87 घाटों पर मनाई जाती है. बनारस के कुंड भी दीयों से जगमगाएंगे और तकरीबन एक दर्जन घाटों पर गंगा आरती होगी.
दशाश्वमेघ और शीतला घाट की गंगा आरती मुख्य आकर्षण का केंद्र होगी और पुष्पवर्षा हेलीकॉप्टर से होगी. बनारस के 87 और 20 कुंडों पर 51 लाख दीये जलाने की तैयारी है. इसके लिए 100 से ज़्यादा समितियां लगी हुई है. कोई गड़बड़ी न हों इसके लिए 10 हज़ार से ज़्यादा वालेंटियर घाट पर रहेंगे. इसके लिए तकरीबन 60 लाख दीयों की ख़रीदारी हुई है जिसमें 50 हज़ार लीटर तेल की खपत होने की संभावना है. 2 लाख दीये गंगा किनारे रेती पर जलेंगे.
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