दिलेर समाचार, हर हिंदू चाहता है के उसका घर हमेशा पवित्र रहे , खुशिंया उसके दरवाजे पर हो हिंदुइस्म का एक अनूठा पहलु यह है कि हर कोई एक पुजारी हो सकता है और अपने मंदिर की जिम्मेदारी सँभाल सकता है. वेह मंदि+क
ऊँ। इसे ओंकार मंत्र भी कहते हैं। ऊँ प्रणव अक्षर है। इसमें तीन देव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश की शक्ति समाहित है। ऊँ को निराकार ब्रह्म का स्वरूप माना गया है। ऊँ की ध्वनि एक ऐसी ध्वनि है जिसकी तरंग बहुत प्रभावशाली होती है। ऊँ के उच्चारण सेकई सारे फायदे हैं, जैसे-
लाभ – विभिन्न ग्रहों से आने वाली अत्यंत घातक अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव ओम की ध्वनि की गूंज से समाप्त हो जाता है। मतलब बिना किसी विशेष उपाय के भी सिर्फ ऊँ के जप से भी अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। – ऊँ का उच्चारण करने वाले के शरीर का विद्युत प्रवाह आदर्श स्तर पर पहुंच जाता है।
– इसके उच्चारण से इंसान को वाक्सिद्धि प्राप्त होती है।
– नींद गहरी आने लगती है। साथ ही अनिद्रा की बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है।
-मन शांत होने के साथ ही दिमाग तनाव मुक्त हो जाता है।
-घर में रखें चांदी की गणेश प्रतिमा, पति-पत्नी के बीच नहीं होंगे झगड़े
-घर में रखी हर वस्तु परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों पर प्रभाव डालती है। सभी वस्तुओं की अलग-अलग सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की ऊर्जा होती हैं। वास्तु के अनुसार बताई गई वस्तु सही जगह रखने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय होती है।
सामान्यत: शादी के बाद पति-पत्नी के बीच छोटे-छोटे झगड़े होते रहते हैं लेकिन कई बार यही छोटे झगड़े काफी बढ़ जाते हैं।
इन झगड़ों की वजह से दोनों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में मानसिक तनाव
बढऩे लगता है और वैवाहिक जीवन में खटास घुल जाती है। इससे बचने के लिए वास्तु और ज्योतिष में कई सटीक उपाय बताया गया है।
शास्त्रों के अनुसार श्रीगणेश को परिवार का देवता माना गया है।श्रीगणेश की आराधना से परिवार की सुख-समृद्धि और परस्पर प्रेम बना रहता है। इसी वजह से प्रथम पूज्य गणेशजी की मूर्ति घर में रखी जाती है। श्रीगणेश की चांदी की प्रतिमा घर में रखने से पति-पत्नी के बीच झगड़े नहीं होते और प्रेम बढ़ता रहता है।
चमत्कारी गणेश मंत्र..! जो करता है हर इच्छा पूरी
लगातार प्रयास एक ऐसा मूल मंत्र है, जिससे कामयाबी की राह में आने वाली हर बाधा दूर हो सकती है।
लेकिन इन कोशिशों के पीछे दृढ़ संकल्प ही अहम होता है।
संकल्प पर वही कायम रह सकता जो मानसिक रूप से सबल हो। ऐसी मानसिक शक्तियों को पाने के लिए व्यावहारिक रूप से बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाना ही श्रेष्ठ उपाय है।
वहीं मनोबल को मजबूत करने के धार्मिक उपायों में भगवान गणेश ही बुद्धिदाता देवता के रूप में पूजनीय है
।भगवान गणेश की उपासना और कृपा से मिला बुद्धि कौशल सांसारिक जीवन के सभी कलह, विघ्र और भय का नाश कर मंगलकारी और संकल्पों की पूर्ति से मनचाहे नतीजे देने वाला माना गया है।
बुधवार और चतुर्थी का दिन भगवान गणेश की उपासना का विशेष दिन होता है। इस शुभ दिन गणेश भक्ति शीघ्र मनचाहे फल देती है। शास्त्रों में गणेश भक्ति के उपायों में एक चमत्कारी मंत्र ऐसा बताया गया है, जिसका जप और ध्यान कल्पवृक्ष की तरह सांसारिक जीवन से जुड़ी हर कामना को पूरा करने वाला माना गया है।
जानते हैं भगवान गणेश का यह चमत्कारी मंत्र विशेष और सरल पूजा विधि
— बुधवार, चतुर्थी या हर रोज स्नान के बाद देवालय में भगवान गणेश की पूजा गंध, अक्षत, फूल, दूर्वा अर्पित कर करें। लड्डू नैवेद्य लगाकर नीचे लिखें मंत्र का जप एकांत व शांत स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर कुश के आसन पर बैठकर करें
– ॐ गं गौं गणपतये विघ्रविनाशिने स्वाहा।
– मंत्र जप के बाद भगवान गणेश की आरती गोघृत यानी गाय के घी के दीप और कर्पूर से करें।
– अंत में भगवान गणेश से हर पीड़ा, दु:ख, संकट, भय व बिघ्न का अंत करने की प्रार्थना कर सफलता की कामना करें। यह मंत्र जप किसी भी प्रतिकूल या संकट की स्थिति में पवित्र भावना से स्मरण करने पर शुभ फल देता है।
परिवार में बनी रहेगी सुख-शांति, करें यह उपाय
वर्तमान समय में जब लोग पारिवारिक सुख को भुलते जा रहे हैं आए दिन परिवार में क्लेश होता है। यह विवाद परिवार के किसी भी सदस्यों के बीच में हो सकता है। सास-बहू के बीच, पति-पत्नी के, भाई-भाई के बीच आदि। जब परिवार में रोज विवाद की स्थिति बनती है तो इंसान दूसरों काम भी ठीक से नहीं कर पाता।
परिवार में प्रेम व सामंजस्य बढ़ाने के कुछ साधारण उपाय नीचे दिए गए हैं
। इन्हें करने से परिवार के सदस्यों में प्रेम बढ़ता है।
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