दिलेर समाचार, श्याम बेनेगल की फिल्म 'मंडी' से अभिनय की शुरुआत करने वाली इला अरुण को प्रसिद्धी उनकी अनोखी आवाज और गायन की वजह से मिली। सुभाष घई की फिल्म 'खलनायक' के 'चोली के पीछे' गाने ने इला अरुण को विवादों के घेरे में डाला पर साथ ही अनदेखी सफलता भी दी। बीबीसी से रूबरू हुई इला अरुण ने "चोली के पीछे" गाने की दास्तां सुनाई।
उन्होंने बताया, 'सुभाष घई को मैं 'कर्मा' फिल्म से जानती थी। उन्होंने मुझे 'चोली के पीछे' गाने के लिए बुलाया और मुझे मेरी लाइन दे दी। संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और गीतकार आनंद बक्शी गाने के बोल को लेकर मेरी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे पर मैं हिचकिचाई नहीं क्योंकि ऐसे बोल मैंने लोक संगीत में सुने थे जो गंभीर रिश्तों के बीच की हिचकिचाहट दूर करने के लिए गाए जाते है जैसे देवर-भाभी, जेठानी देवरानी और ननंद-भाभी।'
वो आगे कहती हैं, 'हालांकि इस गाने को गाते समय अल्का याग्निक बहुत घबरा गई थी। मैंने पूरे आत्मविश्वास के साथ ये गाना गाया और विवाद के दौरान इसका बचाव भी किया।'
इला अरुण को अफसोस है कि माधुरी दीक्षित पर फिल्माए गए इस गाने का वो चेहरा ना बन सकी। उनका कहना है कि सिर्फ गाने से ही इतना बड़ा विवाद खड़ा हो गया कि उन्हें कई समन मिले जिससे वो घबरा गई और माधुरी दीक्षित के साथ गाने के वीडियो में भागीदारी लेने से इंकार कर दिया और अंत में नीना गुप्ता ने इस गाने में भूमिका निभाई।
जब लता मंगेशकर ने की थी उनकी तारीफ
'चोली के पीछे' गाने ने उन्हें रातों रात मशहूर कर दिया और लगभग उन्हें 24 इसी तरह के गानों का प्रस्ताव भी आया पर किसी भी गाने के लिए उन्होंने हामी नहीं भरी। वही इला अरुण का कहना है कि अगर आज के दौर की गायिका होती तो 24 के 24 गाने कर लेती जिसे वो गलत मानती है।
इला अरुण को सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर के साथ यश चोपड़ा की फिल्म 'लम्हे' में गीत गाने का भी मौका मिला था। इस पर इला अरुण अपने आप को भाग्यशाली मानती हैं। वो कहती हैं, 'मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे लता जी के साथ गाने का मौका मिला और श्रीदेवी के साथ नाचने का मौका मिला। वो दौर अलग था। उस दौरान गानों की रिकॉर्डिंग अलग तरह से होती थी। लता जी के साथ गाना रिकॉर्ड करते समय मेरे तो पसीने छूट गए थे और रिकॉर्डिंग के बाद लता जी ने मेरी गायकी की प्रशंसा करते हुए मुझसे पूछा कि मैंने संगीत कहां से सीखा है?'
इला अरुण मानती है कि वो और बेहतर गायिका बन सकती थी लेकिन उन्हें कहीं से भी प्रोत्साहन नहीं मिला। वो संगीतकार कल्याणजी को भी दोष देती है कि उन्होंने अल्का याग्निक और साधना जैसी गायिकाओं को प्रोत्साहन दिया पर उन्हें सिर्फ गीतकारी तक सीमित रखा।
'अभिनय से है प्यार'
अपनी गायकी के लिए मशहूर इला अरुण को अभिनय से प्रेम है। अपनी पहली फिल्म 'मंडी' के पहले दिन की शूटिंग को याद करते हुए इला अरुण कहती है, 'मुझे पहले सीन में ही प्रसव का दृश्य करना था। फिल्म की अभिनेत्री शबाना आजमी और स्मिता पाटिल मुझपर हावी होने के लिए कैमरे के पीछे जा खड़ी हुई। मैंने जैसे तैसे घबराते हुए अपना शॉट दिया।'
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ खास रिश्ता रखने वाली इला अरुण ने बच्चन परिवार के साथ कई होली मनाई हैं और उनके मुताबिक बच्चन साहब पूरे यूपी वाले भईया है।
वो कहती है कि, 'फिल्म इंडस्ट्री में स्वर्गवासी राज कपूर और अमिताभ बच्चन ही ऐसे लोग है जो होली खुलकर खेलते है। अगर कोई प्रतिबंध ना लगाया जाए तो वो कीचड़ वाली होली खेलें। उनकी हिंदी और अंग्रेजी भाषा पर बेहद अच्छी पकड़ है और उन्हें उत्कृष्ट माना जाता है।"
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