नीतू गुप्ता
दिलेर समाचार,बहुत सारे लोगों को दुविधा रहती है कि फ्रूट खाया जाए या ताजा फ्रूट जूस पिया जाए। क्या बेहतर है, समझ नहीं पाते। वैसे दोनों के अपने अपने गुण हैं। फल खाने से शरीर को रेशा बहुत मिलता है पर जूस सीधे शरीर में पहुंचकर ठंडक, ताजगी और ऊर्जा देता है। आइए जानिए कुछ फैक्ट्स कि क्या बेहतर है।
जूस भी सेहत के लिए हैल्दी होता है। उसमें भी उतने ही पोषक पदार्थ होते हैं, जितने फलों में। फलों के रस में फाइटोन्यूट्रिएंटस होते हैं जो हमारी सेहत के लिए लाभप्रद होते हैं। वहीं फलों में मौजूद रेशा पेट के लिए अधिक लाभप्रद होता है। जूस पीने से बॉडी के यूरिक एसिड और दूसरे नुकसानदेह केमिकल्स बाहर निकलते हैं जिससे आप ताजगी महसूस करते हैं। फल खाने से पेट साफ रहता है, वजन नहीं बढ़ता।
फ्रूट जूस घर में ही ताजा निकाल कर पीना सेहत के लिए अधिक लाभप्रद होता है। बाहर के जूस में कई बार मीठा करने के लिए अतिरिक्त बूरे का प्रयोग किया जाता है और फ्लेवर देने के लिए एसेंस डाला जाता है जो सेहत को फायदा देने के बजाय नुकसान करता है। घर का जूस अधिक पौष्टिकता लिए होता है।
अगर आप विशेष रोग से ग्रस्त हैं तो डाक्टर की सलाह के बिना फ्रूट जूस न लें क्योंकि कुछ फलों के रस दवा के प्रभाव को कम करते हैं। मिक्स फ्रूट जूस भी डाक्टरी सलाह से लें, जैसे अंगूर,सेब और संतरे का मिक्स जूस हार्ट इंफेक्शन वाले रोगियों को नुकसान पहुंचाता है। अगर जूस डाक्टर बताए तो शुरू में 100 मि.ली जूस ही लें, फिर धीरे धीरे बढ़ाकर 400 मि.ली से अधिक न पिएं।
पैक्ड जूस में कैलोरीज की मात्रा अधिक होने से वजन बढ़ता है पर एनर्जी लेवल अधिक होता है। पैक्ड जूस पीने से भूख भी बढ़ती है जिससे जो लोग वजन पर नियंत्राण करना चाहते हैं, उनकी मेहनत बेकार हो जाती है।
फलों का रस अधिक पीने से शरीर में शुगर कंी मात्रा बढ़ जाती है और कभी कभी पेट दर्द या दस्त की शिकायत भी हो सकती है क्योंकि शरीर में कैलोरीज की मात्रा अधिक चली जाएगी जो ठीक नहीं।
अगर आप दिन में सेहत के लिए दो बार जूस पीते हैं तो अलग अलग फ्रूट का जूस पिएं ताकि शरीर को कई तरह के पौष्टिक तत्व मिल सकें। एक ही फल का जूस मोटापा लाता है।
जूस का पल्पी होना स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभप्रद है क्योंकि फाइबर्स में कई पोषक तत्व होते हैं। बिना फाइबर वाला जूस नुकसान तो नहीं पहुंचाता पर उतना लाभ नहीं पहंुचाता जो पल्प वाला जूस लाभ देता है।
कई पैक्ड जूस में सार्बिटॉल जैसी शुगर होती है जो पेट संबंधी समस्याओं को बढ़ा सकती है। विशेषकर चेरी,सेब,नाशपाती जैसे फलों में ऐसा शुगर पाया जाता है। इन फलों के पैक्ड जूस से गैस बन सकती है और डायरिया की संभावना बढ़ती है। पैक्ड जूस डायबिटीज के रोगियों के लिए हानिकारक होते हैं। पैक्ड जूस में फाइबर भी नहीं होता। शरीर जूस जल्दी एब्जार्ब करता है और फल और सब्जियां एब्जार्व होने में समय लगता है। कुछ फलों और सब्जियों के छिलके कैंसर रोकने में मदद करते हैं। दोनों के गुण और अवगुण सामने हैं। आप स्वयं अपनी सेहत के लिए सही चुनाव कर सकते हैं।
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