दिलेर समाचार, नोटबंदी और जीएसटी लागू होने के बाद रियल एस्टेट पर मंदी की मार की खबरें सामने आती रही हैं, लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में मध्यप्रदेश में सरकार के राजस्व में रजिस्ट्री से 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष में वाणिज्यिक कर विभाग को 600 करोड़ रुपए ज्यादा की आय हुई है।
गौरतलब है कि नोटबंदी और जीएसटी की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसके बावजूद सरकार के राजस्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का मानना है कि रजिस्ट्री को नोटबंदी और जीएसटी से जोड़कर देखा जाना सही नहीं है।
2017-18 के वित्तीय वर्ष में एक अप्रैल से 21 जनवरी तक राज्य सरकार को संपत्तियों की रजिस्ट्री के जरिए 3 हजार 566 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है। राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में करीब 4 हजार 300 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 82 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो चुका है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस अि में सरकार को 2 हजार 918 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था।
रजिस्ट्री में भी 22 फीसदी इजाफा
रजिस्ट्री की संख्या में भी पिछले साल के मुकाबले 22 प्रतिशत इजाफा हुआ है। अप्रैल 2017 से 21 जनवरी तक प्रदेश में 6 लाख 318 रजिस्ट्री हुई है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में इस अवधि में 4 लाख 91 हजार 354 रजिस्ट्री हुई थी।
कलेक्टर गाइडलाइन की दरों में इजाफा होने की संभावना कम
वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस साल कलेक्टर गाइडलाइन की दरों में इजाफा होने की संभावना काफी कम है। रियल एस्टेट क्षेत्र में मंदी की वजह से मप्र में कलेक्टर गाइडलाइन में बदलाव नहीं करने पर विचार चल रहा है।
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