दिलेर समाचार, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। वहीं एक और मुद्दे पर वे खुलकर बोले। कैप्टन के इस विचार के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी ने भी सहमति जताई, लेकिन महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस तेल को जीएसटी के दायरे में लाने के हक में थे।
जबकि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और अमरिंदर कैबिनेट में वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में लाने की वकालत कर चुके हैं ताकि कीमतों को नियंत्रण में लाया जा सके। शनिवार को नई दिल्ली में एक समिट में हिस्सा लेते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनके राज्य की माली हालत अच्छी नहीं है।
पिछले साल जीएसटी लागू होने के बाद राज्य का वित्तीय ढांचा केंद्र पर निर्भर होकर रह गया है। हमारे पास राज्य को चलाने के लिए पैसा नहीं है। जीएसटी के बाद, राज्य में हमारे पास कुछ नहीं बचा है। हम केंद्र पर निर्भर होकर रह गए हैं। हमारे पास उद्योग नहीं हैं, केवल खेतीबाड़ी है। हमारे पास राजस्व के तीन माध्यम हैं।
एक तेल है, एक एक्साइज है और एक संपत्ति ट्रांसफर के एवज में ली जा रही स्टांप ड्यूटी। जहां तक रियल इस्टेट का सवाल है, पंजाब अभी तक आगे नहीं बढ़ रहा है क्योंकि अर्थव्यवस्था अच्छी तरह से नहीं है। आखिर मैं राजस्व कहां से हासिल करूं? मुख्यमंत्री द्वारा बासमती के अलावा अन्य अनाज को निर्यात के अंतर्गत लाने पर भी जोर दिया।
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