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फीफा ने क्रिकेटमय देश में बढ़ाई फुटबॉल की धाक

Posted at: Nov 10 , 2017 by Dilersamachar 11184
दिलेर समाचार, भारत में दम तोड़ रही फुटबॉल की लोकप्रियता को फीफा ने नया आयाम दिया है। दूसरे खेलों को पसंद करने वाले भी 6 से 28 अक्टूबर के बीच हिंदुस्तान में हुए जूनियर फुटबॉल विश्व कप के रंग में रंगे दिखाई दिए। आयोजन को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आह्वान किया।

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विश्व के फुटबॉल जगत में इस समय भारत की चर्चा हो रही है। फीफा अंडर-17 फुटबाल विश्व कप की हिंदुस्तान ने ऐतिहासिक सफल मेजबानी करके फीफा आयोजन मनमोहित किया है। गौरतलब है कि भारत में फुटबाल का जुनून अभी तब बेगाना था लेकिन फीफा ने यह आयोजन करके भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के अंदर नई किस्म की जान फूंक दी है। छह अक्टूबर से शुरू हुए इस महाकुंभ का समापन शनिवार को बेहतरीन तरीके से हुआ।

इस आयोजन में भारतीय टीम को काफी कठिन ग्रुप में रखा गया था। खिलाडि़यों ने अमेरिका, कोलंबिया और घाना के खिलाफ शानदार खेल दिखाया है लेकिन भारतीय खिलाडि़यों ने इन सबसे परे शानदार खेल दिखाया और उन्हें अपने प्रदर्शन पर गर्व होना चाहिए।

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भारत के लिए पहली बार विश्व कप में खेलना और अपने घरेलू दर्शकों के समक्ष गोल करना, महान उपलब्धि है। भारत के लिए विश्व कप में पहला गोल करने वाले खिलाड़ी जैक्सन सिंह की हर ओर तारीफ हो रही है। भारत के लिए फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी भविष्य बहुत ही अहम साबित होगी। सिलसिला अगर ऐसा ही बरकरार रहा तो विकास की सतत प्रक्रिया और खुद पर यकीन के साथ भारत निश्चित तौर पर विश्व फुटबाल में एक अहम स्थान हासिल करेगा।

हर मैच में दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम ये दर्शाने के लिए काफी थे कि भविष्य में हिंदुस्तान के भीतर फुटबाल का जुनून किस कदर बढ़ेगा। इस आयोजन में बेशक हमारी भारतीय टीम ज्यादा कुछ नहीं कर सकी लेकिन आयोजन में भाग लेना ही हमारे लिए गौरव का क्षण रहा। इससे भारतीय फुटबाल जगत को नई पहचान मिली है। फीफा फुटबाल के सभी मैच रोमांच से भरे रहे है। मैदान में मैच किसी भी दश की टीम खेल रही थी पर उसमें भारतीय फुटबाल प्रेमियों की संख्या सबसे ज्यादा रही। खैर, भारतीय फुटबाल के लिए मक्का कहा जाने वाला हिंदुस्तान का शहर कोलकाता के विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन में फाइनल के लिए इंग्लैंड व स्पेन आमने-सामने थीं जिसमें इंग्लैंड ने स्पेन को धूल चटाकर पूरा जहान जीत लिया।

कोलकाता में हुए फाइनल मैच को देखने के लिए दर्शकों की दीवानगी देखने लायक थी। हर वर्ग के लोग टिकटों को हासिल करने के लिए लाइनों में लगे थे। क्या खास, क्या आम सभी मैच देखने के लिए उतावले दिखाई दिए। बंगालियों की संख्या सबसे ज्यादा थी। दरअसल बंगाल और फुटबॉल का संबंध चोली और दामन की तरह माना जाता है। भारत में फुटबॉल का जन्म पंश्चिम बंगाल से हुआ ही माना जाता है। फीफा अंडर-17 के इस विश्व कप के रोमांचक फाइनल में इंग्लैंड स्पेन को 5-2 के अंतर से करारी शिकस्त देकर जूनियर फुटबाल का नया बादशाह बना। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही इंग्लैंड ने सिर्फ स्पेन के खिताब जीतने की ख्वाहिश चौथी बार तोड़ी बल्कि इसी साल मई में हुई अंडर-17 यूरोपियन चैंपियनशिप के फाइनल में मिली हार का भी बदला ले लिया। इस जीत की सबसे बड़ी वजह यह रही कि पहली बार फाइनल में पहुंची इंग्लैंड की टीम ने पहली ही बार में बाजी मार ली।

भारत में हुए फीफा अंडर-17 फुटबाल विश्व कप के सफल आयोजन के लिए फीफा आयोजन समिति ने भारत का शुक्रिया अदा किया है। साथ ही फुटबॉल के लिए भविष्य की शुभकामनाएं भी दी हैं। दरअसल भारतीय फुटबॉल के लिए यह क्षण किसी खिताब जीतने से कम नहीं है। दरअसल क्रिकेट के दीवाने भारत में फीफा का आयोजन किसी करिश्मे से कम नहीं है। इस समय क्रिकेटप्रेमियों पर भी फुटबाल को लेकर जुनून और बुखार चढ़ा हुआ है। उम्मीद है फुटबॉल को लेकर लोगों में जुनूनियत इस तरह ही हावी रहेगी। फीफा के इस आयोजन से भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता नए पायदान है। तकाजा इस बात का है कि बस आगे भी बरकरार रहे।

हिन्दुस्तान में क्रिकेट के अलावा दूसरे खेलों को उतनी अहमियत नहीं मिली। यही वजह है कि अब क्रिकेटमय भारत में फुटबाल को लोकप्रिय करने की कोशिशें शुरू की जा रही हैं। फीफा आयोजन समीति के लोग भी मानते हैं कि भारत में भीमकाय स्थिति में पहुंच चुके फुटबॉल को जगाने की बेहद जरूरत है। दरअसल उनका इशारा भारत में फुटबाल की दीवानगी को हवा देने का है। हमारे यहां समूचे दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में फुटबाल हमेशा से लोकप्रिय रहा है पर क्रिकेट पर प्रत्यक्ष रूप से इस लोकप्रियता पर ग्रहण लगने का आरोप लगता रहा है लेकिन अब उम्मीद जगी है कि आने वाले समय में फुटबाल भारत में एक मोर्चा बनकर उभरेगा।

देश में इस समय कई हिस्सों में फुटबॉल प्रषिक्षण केंद्र खुल चुके हैं। इंग्लैंड में पूर्व कम्युनिटी कोच बिल एडम्स ने भी दिल्ली में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जिसमें इस समय करीब 200 बच्चे फुटबॉल का ककहरा सीख रहे हैं। एक रिसर्च पर गौर करें तो हिंदुस्तान में 8 करोड़ से ज्यादा दर्शक फुटबाल देखते हैं और उनमें से 55 फीसदी घरेलू लीग देखना पसंद करते हैं। इस संख्या में पिछले कुछ सालों में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है। फुटबाल जगत के लिए ये आंकड़े निश्चित रूप से उत्साह बढ़ाने वाले हैं। 

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