दिलेर समाचार, नींद स्वाभाविक प्रक्रिया है। यदि किसी को ठीक से नींद नहीं आती तो समझिए कि उसके शरीर में कोई विकार है या कोई रोग है। यह बात अलग है जब किन्हीं विशेष परिस्थितियों में इच्छा के विरूद्ध कई-कई रातें जागना पड़ता है।
अधिक जागने से शरीर पर कई बुरे प्रभाव पड़ते हैं जैसे सिरदर्द, शरीर में भारीपन, जमुहाई, आलस्य, थकान एवं चिड़चिड़ापन आदि, अतः स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद आवश्यक है।
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा कोई सूत्रा नहीं है जिससे यह पता लगाया जा सके कि अनिद्रा से पीडि़त व्यक्ति की समस्या कितनी जटिल है। हां, इतना जरूर है कि उम्र के साथ-साथ नींद कम होती जाती है। अनिद्रा पर हुए शोधों से पता चलता है कि-
अब सवाल उठता है कि किन-किन कारणों से लोग अनिद्रा के शिकार होते हैं? कुछ कारण इस प्रकार हैंः-
मादक पदार्थों का सेवन तथा ड्रग्स का प्रयोग। एक अमेरिकी अध्ययन से पता चलता है कि वहां 12 प्रतिशत अनिद्रा के रोगी ड्रग्स और अल्कोहल के आदी बताये गये हैं।
सदैव किसी चिंता मंे डूबे रहना।
आवश्यकता से अधिक भोजन भी आराम से सोने नहीं देता। एमीनो एसिड युक्त पदार्थ का सेवन मानसिक स्फूर्ति या एलर्टनेस लाती है।
कमरे का तापमान ठीक न रहने पर भी नींद लेने में परेशानी होती है। कमरे में किसी प्रकार का शोर सोते हुए मनुष्य को जगा देता है।
यदि बिस्तर कठोर हो तो भी ठीक से नहीं सोया जा सकता।
उचित वस्त्रा पहन कर सोना चाहिए। सिंथेटिक धागे के बने हुए वस्त्रा पहन कर सोने से नींद में व्यवधान उत्पन्न होता है।
चाय या काफी जैसे उत्तेजक पदार्थ पीकर सोने से भी नींद में बाधा आती हैं।
उत्तेजक दृश्य देखकर या पुस्तकें पढ़कर सोने से अनिद्रा अपना प्रभाव दिखाती है।
इसके अतिरिक्त, आलसी या कम मेहनती लोगों को भी रात में सुखद नींद नसीब नहीं होती। गहरी नींद के लिए उचित वातावरण एवं स्थान का चुनाव कर लिया जाए तो निश्चित ही आप रात में चैन की नींद लेंगे।
अपने शयनकक्ष में शुद्ध वायु के आवागमन की व्यवस्था करें। वहां भीड़-भाड़ न होने दें वरना अधिक आदमी सोने से वायु दूषित हो जाती है। यदि यह सब ठीक हैं और फिर भी नींद में व्यवधान उत्पन्न हो रहा हो तो आप के लिए कुछ उपाय सुझाए जा रहे हैं। इनका पालन करें, अवश्य लाभ होगा।
यदि आप को रात को ठीक से नींद न आयी हो तो उसकी कसर दिन में न निकालें अर्थात् दिन में अधिक न सोयें। यदि आप 40 साल से अधिक उम्र के हैं तो प्रातः उसी समय उठें जैसे प्रतिदिन जगते थे।
यदि रात में नींद टूट जाती है तो बिस्तर पर ही आराम करें। संभव है नींद लौट आए। यदि ऐसा नहीं होता तो कुछ पढ़ें, संगीत सुनें या फिर टी. वी. देखने लगें। इसके बावजूद आप को नींद नहीं आ रही है तो चुपचाप किसी शांत क्रिया में लग जाएं।
दोपहर के बाद, मदिरापान, धूम्रपान, चाकलेट लेना, चाय या काफी का सेवन और काफीयुक्त पदार्थों का सेवन कम कर दें।
आवश्यकता से अधिक भोजन न करें। सोने से पूर्व रोजाना एक गिलास गुनगुना दूध पिएं। सोने से पूर्व सेब खूब चबाकर खायें। भोजन में प्याज का सलाद खाया करें।
व्यायाम करके अपने को स्वस्थ रखें लेकिन सोने से पहले कसरत न करें बल्कि कुछ देर टहल लें।
सोते समय कोई पुस्तक या साधारण पत्रिका पढ़ें।
बिस्तर पर जाने से पूर्व हाथ-मुंह और पैर जल से धो लें, लाभ होगा। हल्के गर्म पानी के टब में लेटकर नहाना भी फायदेमंद रहता है।
सोने से पहले सरसों के तेल से, पैर व पैर के तलवे में मालिश कर लें। (
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