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गर्मियों में भी मच्छर से होने वाले इंफेक्शन का खतरा अधिक

Posted at: May 29 , 2019 by Dilersamachar 10043

दिलेर समाचार, नई दिल्ली। केरल के मलप्पुरम जिले में हाल ही में वेस्ट नाइल फीवर की वजह से 7 साल के एक लड़के की मौत हो गई। वेस्ट नाइल वायरस (WNV) ने स्पष्ट रूप से लड़के के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित किया, जिससे जटिलताएं हुईं और दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। वेस्ट नाइल वायरस, क्यूलेक्स मच्छर फैलाता है जो गर्मियों में अधिक सक्रिय रहता है। भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य पोर्टल (एनएचपीआई) के अनुसार, मई 2011 में केरल में तीव्र इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम के प्रकोप के दौरान, क्लिनिकल सैंपल में WNV की उपस्थिति की पुष्टि की गई थी। तब से केरल में WNV इंसेफ्लाइटिस के मामले नियमित रूप से सामने आते रहे हैं।

मच्छर जनित संक्रमण का जोखिम गर्मियों में अधिक

WNV फैलाने वाला क्यूलेक्स मच्छर गर्मियों में अधिक सक्रिय होता है। इस बारे में पूछने पर डॉ के के अग्रवाल ने बताया कि गर्मियों में वेस्ट नाइल बुखार से मच्छर-जनित संक्रमणों का जोखिम बढ़ जाता है, इसलिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मनुष्य संक्रमित मच्छरों के काटने से इस संक्रमण का शिकार होता है। वायरस अन्य संक्रमित जानवरों, उनके रक्त या अन्य ऊतकों के संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है। यह अंग प्रत्यारोपण, ब्लड ट्रांसफ्यूजन और स्तन के दूध के माध्यम से भी हो सकता है। हालांकि आकस्मिक संपर्क के माध्यम से WNV के किसी भी मानव से मानव संचरण का मामला सामने नहीं आया है। यह संक्रमण डेंगू या चिकनगुनिया जैसा हो सकता है।

मच्छरों से बचने के उपाय

- संक्रमण को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों के काटने से बचना है

- मच्छरों के काटने से बचाने वाली क्रीम का उपयोग करें

- फुल बाजू की शर्ट और फुल पैंट पहनें

- मच्छर मनी प्लांट के गमले में या छत पर पानी की टंकियों में अंडे दे सकते हैं, उन्हें ढककर रखें

- छत या बालकनी में रखे गए पक्षियों के पानी के बर्तन को हर हफ्ते साफ न किया जाए तो मच्छर उनमें भी अंडे दे सकते हैं

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