दिलेर समाचार, नई दिल्ली: दुनिया भर में हर साल लगभग 5.6 करोड़ गर्भपात असुरक्षित तरीके से होते हैं, जिससे प्रति वर्ष कम से कम 22,800 महिलाओं की मौत हो जाती है. यह जानकारी पिछले एक दशक में वैश्विक गर्भपात ट्रेंड्स पर गुटमेचर इंस्टीट्यूट की सबसे व्यापक रिपोर्ट में दी गई है. गर्भपात पर प्रतिबंध लगाने से महिलाओं को गर्भावस्था समाप्त करने से नहीं रोका जा सकता, बल्कि ऐसी स्थिति में वे अवांछित गर्भ को गिराने के लिए खतरनाक तरीकों का सहारा ले सकती हैं, जिससे जोखिम बढ़ जाता है. हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के के अग्रवाल ने कहा, "गर्भपात की उच्च दर के प्रमुख कारणों में एक यह भी है कि अनेक क्षेत्रों में लोगों को अच्छे गर्भनिरोधक नहीं मिल पाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अनचाहे गर्भ के मामले बढ़ने लगते हैं. गर्भपात की गोलियां प्रभावी हो सकती हैं, बशर्ते उन्हें उचित तरीके से लिया जाए. हालांकि, कई महिलाओं को उन्हें लेने का सही तरीका मालूम नहीं होता है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए घातक भी हो सकता है. केवल कुछ प्रतिशत महिलाओं की पहुंच ही गर्भपात की गोलियों तक है. ऐसे में बाकी महिलाओं को भी इस बारे में सही जानकारी देने की जरूरत है ताकि वे इन गोलियों का उपयोग कर सकें और किसी जटिलता की स्थिति में अच्छे स्वास्थ्य देखभाल केंद्र तक पहुंच सकें."
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट (1971) के अनुसार, मां या शिशु को जान का खतरा होने पर, कोई रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर 12 सप्ताह तक के गर्भ को गिरा सकता है, अथवा दो पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायियों के अनुमोदन के साथ 20 सप्ताह तक के गर्भ को गिराया जा सकता है.
डॉ. अग्रवाल ने बताया, "गर्भ निरोधकों और गर्भपात के बारे में शिक्षा व जागरूकता की जरूरत है. स्थिति का आकलन करने के लिए, समय की आवश्यकता है कि सुरक्षित गर्भपात को वास्तविकता के नजरिये से देखा जाए और पूरे देश में इसकी सुविधा उपलब्ध हो. यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि समाज के सभी स्तरों की महिलाओं को सही जानकारी प्राप्त हो."
गर्भपात के लिए एनस्थीसिया देकर सर्जरी के जरिए गर्भ को हटाया जा सकता है या गोलियां देकर चिकित्सकीय रूप से भी ऐसा किया जा सकता है. ये दवाएं गर्भपात को ट्रिगर करने के लिए हार्मोन में बदलाव लाती हैं. चिंता दूसरे तरीके के बारे में है, जिसमें गोलियों को निगला जाता है या उन्हें योनि मार्ग में रखा जाता है. सुरक्षित गर्भपात के लिए जन-स्वास्थ्य सेवा केंद्रों में सुविधाओं को सुधारने की आवश्यकता है, जबकि जागरूकता कार्यक्रमों से कई महिलाओं को दवाओं का गलत उपयोग करने से रोका जा सकता है
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