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साल 1981 में पाकिस्तान की टीम ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई थी। पर्थ के वाका के मैदान पर 3 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा था। पाकिस्तान की टीम ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी करने का न्यौता दिया। इमरान खान की घातक गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी केवल 180 रन पर सिमट गई तो वहीं दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई धाकड़ गेंदबाजों ने पाकिस्तान की टीम को भी पहली पारी में ज्यादा रन नहीं बनानें दिया।
ऑस्ट्रेलियाई पेस बैट्री डेनिस लिली और टेरी एल्डरमैन ने पाकिस्तान की पहली पारी को केवल 62 रन पर धराशाई कर दिया। डेनिस लिली ने 5 विकेट चटकाए तो वहीं एल्डरमैन ने 4 विकेट झटके।
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ऑस्ट्रेलियाई टीम ने दूसरी पारी में बेहतर खेल दिखाते हुए 8 विकेट पर 424 रन बना लिए। पाकिस्तान को दूसरी पारी में जीत के लिए 543 रन बनानें थे। पाकिस्तान के लिए यह लक्ष्य ऑस्ट्रेलियाई पेस बैट्री के सामने आसान नहीं था।
आशा के अनुरूप पाकिस्तान के 2 विकेट केवल 27 रन पर गिर गए। इसके बाद बल्लेबाजी करने आए पाकिस्तानी कप्तान जावेद मियांदाद।
जब जावेद मियांदाद बैट लेकर डेनिस लिली को मारने के लिए दौड़ पड़े...
पाकिस्तान की टीम की हालत बेहद ही नाजूक थी। ऑस्ट्रेलियाई पेस बैट्री के सामने जावेद मियांदाद और मंसूर अख्तर संघर्ष करते हुए खेल रहे थे। तभी डेनिस लिली की एक इनस्विंगर गेंद को मियांदाद ने ऑन साइड के तरफ खेलकर रन चुराना चाहा। रन लेने के दौरान मियांदाद के सामने जानबूझ कर डेनिस लिली आ गए जिससे मियांदाद और लिली की आपस में बहस हो गई।
जावेद मियांदाद अपने गुस्सैल रवैये के लिए जाने जाते थे। डेनिस लिली के ऐसा करने से मियांदाद गुस्सा हो गए। जब दोनों की बहस रूकने का नाम नहीं ले रही थी तो मैदानी अंपायर दोनों को अलग करने लगे। इसी बीच डेनिस लिली ने जावेद मियांदाद के पैर पर एक किक मारी। जिससे मियांदाद तुरंत ही बौखला गए और अगले पल अपने बैट को हाथ में लिए लिली को मारने के लिए दौड़ पड़े।
समय रहते अंपायर और खिलाड़ियों ने मिलकर जावेद मियांदाद को ऐसा करने से रोक लिया। वैसे लिली मियांदाद के जबाव में बिल्कुल लड़ने के लिए तैयार थे।
जब लिली का गुस्सा सांतवें आसमान पर पहुंचने लगा तो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चेपल ने लिली को फटकारते हुए लड़ाई बंद करने को कहा। जिसके बाद दोनों शांत हुए।
हालांकि मैच को ऑस्ट्रेलियाई टीम ने असानी से 286 रन से जीत लिया। पाकिस्तान की दूसरी पारी 256 रन पर सिमट गई। पाकिस्तान के तरफ से केवल जावेद मियांदाद ही अच्छा खेल पाए और 79 रन बनानें में सफल रहे थे।
लेकिन 2 महान क्रिकेटरों के बीच की यह लड़ाई क्रिकेट के इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई।
“विज्डन क्रिकेटर्स अल्मनाक ने इस झड़प को टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे अशोभनीय घटनाओं में से एक माना है।“
इस अशोभनीय बर्ताव के लिए डेनिस लिली की गलती मानकर 200 डॉलर फाइन किया गया।
इस घटना के अगले दिन डेनिस लिली पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूम मे जाकर इस बर्ताव के लिए माफी मांगी । मियांदाद को भड़काने के लिए डेनिस लिली ने खुद की गलती कभी नहीं मानी।
क्रिकेट बेवसाइट ईएसपीएन क्रिकेट इंफो में इस झड़प के बारे में मियांदाद के बारे मे लिखा गया है ” जब डेनिस लिली ने पाकिस्तान के ड्रेसिंग रूम में जाकर माफी मांगी तो मियांदाद ने इस माफी के बदले कहा हर कोई देख सकता है गलती डेनिस लिली की है।।”
Vishal
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