दिलेर समाचार,टाइटल पढ़कर ही आपके दिमाग में कई तरह के सवालों ने जन्म ले लिया होगा। वैसे पहली बार में इस बात पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है। मगर यकीन मानिए जब आप इस स्टोरी को पूरा पढ़ेंगे तो पाएंगे कि यह सच है। दुनिया में एक जगह ऐसी भी है जहां वाकई ऐसा होता है। और तो और वैज्ञानिक आधार पर इस बात काे साबित किया गया है।
जानकारी के मुताबिक दुनिया से करीब-करीब कट चुके एक कैरीबियाई गांव में इस तरह की रहस्यमयी घटनाएं घटित हो रही हैं। वहां बच्चा पैदा तो लड़की का शरीर लेकर होता है मगर एक तय उम्र के बाद उसका शरीर लड़के के तौर पर बदल जाता है।
जी हां। यह बात सच है। ये कहानी कैरीबिया में मौजूद सेलिनास नाम के एक गांव की है। इस अनोखे गांव के बारे में ये रोचक जानकारी BBC-2 सीरीज 'काउंटडाउन टू लाइफ' में सामने लाई गई है।
यहां जन्म लेने वाले बच्चों के बारे में खास बात ये है कि वो जन्म तो लड़की के शरीर में लेते हैं, लेकिन 12 वर्ष की आयु में पहुंचते-पहुंचते, उनका शरीर लड़के के रूप में बदल जाता है। BBC-2 सीरीज 'काउंटडाउन टू लाइफ' में यहां जन्म लेने वाले एक ऐसे ही बच्चे की कहानी दिखाई गई है।
इस गांव में जॉनी नाम के एक शख्स का जन्म लड़की के रूप में हुआ। उसके घरवालों ने उसका नाम फेलिसिटिया रखा था। जब वो पैदा हुआ था तो उसकी बॉडी लड़की की तरह थी। उसके घरवाले भी उसी प्रकार से उसका पालन-पोषण कर रहे थे।
लेकिन वक्त के साथ फेलिसिटिया को ये एहसास हुआ कि उन्हे लड़कियों की तरह कपड़े पहनना, खेलना या फिर तैयार होना पसंद नहीं है। वो इस बात को पूरी तरह समझ नहीं पा रहे थे।
दरअसल जॉन का जन्म घर पर हुआ था, इसलिए किसी को इस बात का पता नहीं था कि जॉन का प्राइवेट पार्ट पूरी तरह से ना तो लड़की के जैसा था और ना ही लड़के के जैसा। वक्त के साथ जॉन की बॉडी में बदलाव होते गए। अब 24 साल की उम्र में वो पूरी तरह से एक लड़के की लाइफ जी रहा है।
साइंस की भाषा में समझे तो ये एक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें गर्भ में पल रहे बच्चे की बॉडी में मेल सेक्स हॉर्मोन जिसे डीहाइड्रो टेस्टोस्टेरोन कहते हैं, बन नहीं पाता। शुरुआत में गर्भ में पल रहे हर बच्चे का लिंग एक जैसा होता है।
प्रेग्नेंसी के आठवें हफ्ते में अगर शिशु की बॉडी डीहाइड्रो टेस्टोस्टेरोन बनाने लगती है, तो उसका जन्म लड़के के रूप में होता है। लेकिन कुछ मेल चाइल्ड में ये हार्मोन्स गर्भ में नहीं बन पाते। इस वजह से जन्म के समय उनकी बॉडी लड़की की तरह होती है।
ऐसे मामलों में प्यूबर्टी पीरियड आते ही बच्चे का शरीर मेल हार्मोन्स बनाने लगता है, जिसकी वजह से उनकी बॉडी में मेल प्राइवेट पार्ट्स डेवलप होने लगते हैं। उसके बाद वो एक लड़के के तौर पर विकसित होने लगते हैं। अधिकांश मौकों पर ऐसा बच्चों के 12 साल के होने के बाद होता है।
कैरीबिया में मौजूद सेलिनास गांव अभी भी कई तरह के डेवलपमेंट से दूर है। यहां ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। जब बच्चे लड़की के शरीर में पैदा होते हैं, लेकिन एक निश्चित समय के बाद लड़का बन जाते हैं। इन बच्चों को इंटरसेक्स कहते हैं। यानी ना वो पूरे मेल होते हैं और ना ही पूरे फीमेल।
Copyright © 2016-24. All rights reserved. Powered by Dilersamachar