Logo
May 7 2024 02:43 PM

सोते समय न रखें दक्षिण की ओर सिर, हो सकता है ये नुकसान

Posted at: Dec 27 , 2017 by Dilersamachar 9857

दिलेर समाचार, फेंग शुई का एक सिद्धांत है, कि जहां समस्या है वहां उसका समाधान भी है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांत पूर्णतः वैज्ञानिक आधार पर बने हैं। इस बात की पुष्टि हम कुछ वास्तु सिद्धांतों के विश्लेषण से कर सकते हैं।

- सोते समय सिर दक्षिण में: मनुष्य का सिर उत्तरी ध्रुव और पैर दक्षिण ध्रुव में होने से दोनों में विकर्षण पैदा होगा परिणामस्वरूप मनुष्य के शरीर में रक्त प्रवाह और नींद में बाधा पैदा होने से तनाव उत्पन्न होगा। इसी कारण वास्तु शास्त्र के अनुसार अच्छे स्वास्थ्य के लिए सोते समय सिर दक्षिण में व पैर उत्तर दिशा की ओर होने चाहिए।

- पूर्व दिशा में आंगन: घर का आंगन पूर्व दिशा में बनाना चाहिए। ताकि सूर्य की जीवनदायी प्रातः कालीन किरणों का अधिक से अधिक लाभ आपको मिल सके, और प्रातः काल धूप स्नान किया जा सके।

- दीवारें ऊंची व मोटी होनी चाहिए: प्रातः कालीन सूर्य की किरणें तो लाभदायक होती हैं परंतु दोपहर के समय जब सूर्य पश्चिम दिशा में ज्यादा तेज गर्मी फैला रहा होता है तब उस समय सूर्य की किरणें हानिकारण होती है। उन हानिकारक किरणों के संपर्क में हम कम से आएं, इस कारण वास्तुशास्त्र में दक्षिण-पश्चिम दिशा में ऊंची व मोटी दीवार बनाने की सलाह दी जाती है।

- पूर्व दिशा में पेड़: घर के पूर्व एवं ईशान दिशा में बड़ी शाखा एवं मोटी पत्तियों वाले बड़े पेड़ को नहीं लगाना चाहिए। यह पेड़ प्रातःकालीन सूर्य की सकारात्मक किरणों को घर में प्रवेश करने में रुकावट पैदा करते हैं।

- ईशान कोण में पानी: ईशान कोण में स्थित पानी के स्त्रोत पर पड़ने वाली प्रातःकालीन सूर्य की किरणें पानी में पैदा होने वाले हानिकारक वैक्टीरिया और कीटाणुओं आदि को नष्ट करती हैं। विज्ञान ने भी स्वीकार किया है कि सूर्य की किरणों में यह शक्ति होती है।

- आग्नेय कोण में रसोईघर: आग्नेय कोण में स्थित रसोई घर में पूर्व दिशा से प्रातः कालीन सूर्य किरणें प्रवेश करती हैं। जो रसोई में पैदा होने वाले हानिकारण वैक्टीरिया एवं कीटाणुओं को नष्ट कर देती हैं।

ये भी पढ़े: जाधव की मां एवं पत्नी का पाकिस्तानी मीडिया ने किया पीछा

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED