दिलेर समाचार, नई दिल्ली: डॉलर के मुक़ाबले रुपया लगातार धड़ाम हो रहा है. मंगलवार को फिर रुपया 13 पैसे गिरकर 71.34 पर खुला. यानी डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर है. वैश्विक संकेतकों और व्यापार युद्ध को लेकर तनाव बढ़ने के बीच
मंगलवार को एक डॉलर 71.37 रुपये का हो गया है. मंगलवार को रुपया 71.24 प्रति डॉलर पर खुला जबकि सोमवार को यह 71.21 प्रति डॉलर पर था. विश्लषेकों के मुताबिक, कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों और विदेशी पूंजी के बहिर्भाव की वजह से रुपये पर दबाव बढ़ा है.
आपको बता दें कि 31 अगस्त को 26 पैसे की गिरावट के साथ एक डॉलर 71 रुपये के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था.आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के अब तक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के लिये ‘बाहरी कारणों’ को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि जबतक अन्य मुद्राओं के अनुरूप घरेलू रुपये में गिरावट होती है, इसमें चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां तक रुपया 80 रुपये प्रति डालर तक चला जाता है और अगर दूसरी मुद्राओं में भी गिरावट इसी स्तर पर रहती है तो भी कोई "गंभीर चीज" नहीं है.
गर्ग ने कहा था कि भारतीय रुपया अभी भी कुछ अन्य मुद्राओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है. उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है, लेकिन उसका मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप कारगर नहीं होगा क्योंकि रुपये में गिरावट का कारण वैश्विक हैं. तीन अगस्त को समाप्त सप्ताह में केंद्रीय बैंक के पास 402.70 अरब डालर का मुद्रा भंडार था. यह पिछले सप्ताह से 1.49 अरब डालर कम है. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि डालर की तुलना में सभी मुद्राएं कमजोर हुई हैं लेकिन अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपये में उतनी गिरावट नहीं आयी है. कुमार ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि रुपया 69 से 70 के बीच स्थिर होना चाहिए क्योंकि अगर आप देश में बांड और शेयर समेत विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले निवेश को देखें तो यह स्तर विदेशी निवेश के लिहाज से आकर्षक रहा है’’. आईसीआईसीआई बैंक के बी प्रसन्ना ने कहा कि तुर्की संकट का सभी उभरते बाजारों पर प्रभाव पड़ा है और रुपये पर भी उसका असर है.
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