दिलेर समाचार,पितृपक्ष के आते ही हिंदू धर्म की मान्यतानुसार घर में शुभ कार्य करने बंद कर दिए जाते है। ऐसा माना जात है कि ये अशुभ समय होता है और इस दौरान हमारे पूर्वज दुबारा से इस धरती पर उतरते है।हम अपने अपने घरों में उनके लिए क्या कर रहे है वो यही देखने के लिए आते है।
एक बार अगर वो खुश हो जाते हैं तो उनकी कृपा दृष्टि घर में बनी रहती है और उनके आशीर्वाद से आपके दिल की तमन्ना पूरी होती है।
पितृपक्ष के समय को अशुभ माना जाता है। इस दौरान घर में कोई खुशी नहीं मनाई जाती है और ना ही कोई उत्सव मनाया जाता है।
यहां तक की आप घर में कोई नया कपड़ा भी खरीद के नहीं ला सकते है।
इस दौरान ये माना जाता है कि हमारे पूर्वजों की आत्मा हमसे हर समय जुड़ी रहती है।
इसलिए उनकी आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए हम पूरे विधि विधान से उनकी पूजा करते है।
पितृपक्ष के दौरान आप अपने आपको थोड़ा जरूर बदले। आप अपनी दिनचर्या की कुछ आदतों को छोड़कर और अपने शौकों को थोड़ा नियंत्रित करें। ज्यादा से ज्यादा से समय अपने पितरों से जुड़े रहकर उनके लिए प्रार्थना करें
ऐसा मान्यता है कि इस 14 दिनों की अवधि में सभी पितृगण धरती पर आ जाते है।
पितृलोक में इस समय पानी की कमी हो जाती है इसलिए अपने वंशजों से तृपण कराने के लिए आते है। कहा जाता है कि इस दौरान आपको पिता के द्वारा लिया हुआ कर्ज उतार देना चाहिए।
पितृ के कर्ज के कारण भी इन दिनों शुभकार्य नहीं किए जाते है।
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