Logo
May 18 2024 07:08 PM

इंद्रदेव को मिला श्राप और आज तक पीरियड्स का दर्द बर्दाश कर रहीं है महिलाएं, ये खबर पढ़कर आप भी कहेंगे ऐसा क्यों किया

Posted at: Mar 5 , 2018 by Dilersamachar 10274

दिलेर समाचार,  पीरियड्स यूं तो महिलाओं में हर महीने वाली सामान्य बायलॉजिकल प्रक्रिया है लेकिन हमारे समाज में इसे एक टैबू बना दिया गया है, ये एक ऐसा मुद्दा है जिसके बारे में जब भी बात की जाती है, दबे शब्दों में ही की जाती है।

अगर कोई लड़की इस मुद्दे पर खुले में बात करें तो हमारे समाज में तो उसके चरित्र पर ही कईं तरह के प्रश्न उठा दिए जाते हैं।

यूं तो हालात अब पहले से काफी सुधरे हैं लेकिन फिर भी आज तक कईं जगहों पर पीरियड्स के दौरान महिलाओं से जिस प्रकार का व्यवहार किया जाता है वो निंदनीय है। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को समाज से ऐसे अलग कर दिया जाता है, जैसे वो कोई अछूत हों।

जी हां, आज के आधुनिक युग में भी कईं जगह पर पीरियड को दकियानूसी सोच के दायरे में बांधकर देखा जाता है। वैसे तो पीरियड एक बायलॉजोकिल प्रक्रिया है लेकिन इसका संबध कुछ पौराणिक कहानियों से हैं। प्रचलित कहानियों की माने तो इंद्र देव को मिले एक श्राप के कारण महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म की पीड़ा भोगनी पड़ती है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस बात का इंद्र देव को मिले श्राप से क्या ताल्लुक है ?

तो आइए आपको बताते हैं महिलाओं के पीरियड्स की पूरी बात क्या है?

प्रचलित कहानी के अनुसार, एक बार ‘गुरु बृहस्पति’, इंद्र देव से किसी बात पर रूष्ट हो गए थे और इस अवसर का लाभ उठाकर असुरों ने देवलोक पर आक्रमण कर दिया। असुरों के आक्रमण से घबराकर इंद्रदेव सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव के पास पहुंचे और उनसे मदद की गुहार लगाई।

महिलाओं के पीरियड्स –

 

तब ब्रह्म देव ने उन्हे बताया कि अगर वो किसी ब्रह्म ज्ञानी को अपनी सेवा से प्रसन्न करेंगे तो उन्हे उनका सिंहासन वापस मिल जाएगा और वो फिर से स्वर्ग पर अपना आधिपत्य स्थापित कर पाएंगे। ब्रह्मा जी के कहे अनुसार इंद्रदेव ज्ञानी की सेवा में लग गए लेकिन अचरच की बात ये थी उस ब्रह्म ज्ञानी की मां असुर थी और इसलिए उस ज्ञानी के मन में असुरों को लेकर अधिक लगाव था।

 

असुरों से अधिक लगाव रखने और उनकी विजय की कामना से ज्ञानी से सारी हवन साम्रगी असुरों को दे दी, जिसे इंद्रदेव लाए थे, ये देखकर देवराज क्रोधित हो गए और उन्होने गुस्से में ऋषि का वध कर दिया लेकिन क्योकि गुरु हत्या गम्भीर पाप है इसलिए उनके सिर पर ये पाप आ गया और इस पाप से मुक्त होने के लिए उन्होने एक साल तक भगवान विष्णु की अराधना की और इसके प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने एक सुझाव दिया।

 

इस श्राप के अऩुसार इंद्रदेव को पेड़, भूमि, जल और स्त्री में अपना थोड़ा-थोड़ा पाप बाँटना था, साथ ही उन्हें एक वरदान भी देना था। इस पाप को बांटने के बदले पेड़ को वरदान मिला कि वो खुद को स्वंय जीवित कर सकते हैं, भूमि ने एक चौथाई पाप लिया और इसके बदले उसे वरदान मिला कि खुद पर आई चोट को वो खुद ही भर सकती है, और जल को पाप का एक चौथाई हिस्सा लेने के विरोध में चीज़ों को पवित्र करने का वरदान मिला।

 

वही, औरतों को इस पाप के फल स्वरूप मासिक धर्म की पीड़ा मिली और वरदान मिला की वो संभोग का आनंद पुरूषों की तुलना में ज्यादा अच्छे से ले पाएंगी।

 

वैसे तो महिलाओं के पीरियड्स की प्रक्रिया का किसी भी पौराणिक कथा से कोई लेना-देना नहीं है लेकिन फिर भी इस संदर्भ में जो कहानी प्रचलित है हमने उससे आपको अवगत करवाया।

ये भी पढ़े: छत्‍तीसगढ़ : ऐसे केस में उलझी पुलिस के कराना पड़ गया बकरी का पोस्‍टमॉर्टम

Related Articles

Popular Posts

Photo Gallery

Images for fb1
fb1

STAY CONNECTED